सहकारिता विभाग सहकारी बैंकोको फसल ऋण, किसान कर्ज के अलावा अब कार लोन, होम लोन और व्यावसायिक लोन के क्षेत्र में उतारने की तैयारी कर रहा है। बैंक कर्मचारियों को अलग-अलग स्तर पर प्रशिक्षित किया जाएगा।
Must See: कर्ज माफी की उम्मीद में 33 फीसदी किसान नहीं चुका रहे कर्ज
दरअसल, सहकारिता विभाग का सबसे ज्यादा फोकस उन बैंकों की ओर होगा, जो लगातार घाटे में हैं और वसूली में भी पिछड़े हुए हैं। सभी बैंक में कार्यालय के अंदर और बाहर ऑनलाइन कारोबार के लिए प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा। सॉफ्टवेयर तैयार करने का काम एक निजी आइटी कंपनी को दिया गया है।
सीइओ से लेकर बाबू तक की होगी भर्ती
प्रदेश में 398 जिला सहकारी बैंक हैं। किसी भी बैंक में सीइओ नहीं हैं। ये बैंक प्रभारी सीइओ के भरोसे काम कर रहे हैं। अब सभी बैंकों में सीइओ से लेकर बाबू तक की नए सिरे से भर्ती की जाएगी। इसके लिए खाली पदों की जानकारी बुलाई गई है।
Must See: 5 करोड़ रुपए से अधिक की अनुदान के इंतजार में किसान
ये बनेंगे आइकॉन
मालवा क्षेत्र के सहकारी बैंक लाभ में हैं। किसानों से वसूली 90 फीसदी हो रही है। ये बैंक अन्य बैंकों के लिए आइकॉन होंगे। आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं नरेश पाल ने बताया कि सहकारी बैंकों को व्यावसायिक बैंकों की तर्ज पर काम-काज के लिए कहा है। खाली पदों पर भर्तियां होंगी।