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भोपाल

बैंकों के काम-काज पर अब सीधे नजर रखेगी सरकार

– सहकारिता विभाग करेगा ऑडिट सेल का गठन- शिवपुरी सहित प्रदेश के 8 जिला सहकारी बैंकों में तीन साल के अंदर 150 करोड का घोटाला
 

भोपालSep 09, 2021 / 09:28 pm

Ashok gautam

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अशोक गौतम,
भोपाल। सहकारी बैंकों में प्रति वर्ष एक के बाद एक लगातार हो रहे घोटालों पर सहकारिता विभाग बैंक के आडिट सिस्टम और स्वयत्ता को जिम्मेदार मान रहा है। अब विभाग इन दोनों व्यवस्थाओं में अमूलचूल परिवर्तन की तैयारी कर रहा है। विभाग अब प्रदेश स्तर पर एक आडिट सेल का गठन करेगा, जिसमें बैंकों के सवेनिवृत्त अधिकारी और सीए की टीम होगी। इसके अलावा बैंकों के साफ्ट वेयर में बदलाव भी किया जाएगा। इसके अलावा जिलों में पदस्थ सहायक रजिस्ट्रार (एआर) और संयुक्त रजिस्ट्रार (जेआर) इन पर नजर रखेंगे।
प्रदेश में तीन सालों के अंदर करीब 150 करोड़ का घोटाला हुआ है। यह घोटाला किसानों के नाम पर फर्जी लोन, बैंक एकाउंट में हेराफेरी, कर्मचारियों द्वारा बैंक से राशि निकाल लेना, खरीदी, भुगतान सहित अन्य वित्तीय अनियमिताओं के नाम से किया जा रहा है।
हाल ही में शिवपुरी जिला सहकारी बैंक में करोड़ों की गड़बड़ी सामने आई है। इसके चलते अब बैंकों के लेखाजोखा पर सहकारिता विभाग के मुख्यालय की सीधे नजर रहेगी। बैंकों में किसानों को बांटे गए लोन और रिकवरी की रोज और सीधे तौर पर मानीटरिंग की जाएगी। इस तरह का साफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है, जिससे कि गड़बडिय़ां जल्द पकड़ में आ सकें। इसके अलावा इनका औचक निरीक्षण भी किया जाएगा। यह टीम बैंकों के बाहरी और आंतरिक कार्यों और कमियों की रिपोर्ट विभाग को सौंपेगी।


प्रशिक्षु सीए करते हैं ऑडिट
बैंकों में ऑडिट प्रति वर्ष होता है। सहकारिता विभाग द्वारा ऑडिट के लिए सीए कंपनियों का एक पेनल तैयार किया जाता है। चयनित कंपनियों के सीए बैंकों में ऑडिट करने जाते हैं। देखने में यह आता है कि जिलों में ऑडिट करने कंपनियों से ज्यादातर प्रशिक्षु सीए जिलों में ऑडिट करने जाते हैं। प्रशिक्षु सीए आडिट की गड़बडिय़ां भी नहीं पकड़ पाते हैं और आडिट रिपोर्ट भी ठीक से तैयार नहीं करते हैं। अब सीनियर सीए का टीम के साथ रहना अनिवार्य होगा और वहां आडिट के दौरान की फोटो और वीडियो भी उपलब्ध कराना होगा।

आडिट टीम करेगी रिपोर्ट का अध्ययन
मुख्यालय स्तर पर अपेक्स बैंक में एक आडिट टीम बनाई जाएगी। यह टीम सीए कंपनियों के जरिए नियमित की गई ऑडिट की रिपोर्ट का अध्ययन करेगी। अध्ययन के बाद अपनी रिपोर्ट शासन को देगी। जिन बैंकों में वित्तीय लेखाओं में अनियमितताएं मिलेंगी उन बैंकों में जाकर खुद यह टीम जांच करेगी। वहीं अब बैंकों में प्रबंधक से लेकर नीचे तक के स्टाफ को नियमित रूप से बैंकिंग के प्रशिक्षण भी दिए जाएंगे।
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ये हुई तीन सालों के अंदर बैंकों में वित्तीय अनियमितताएं
बैंक ———————— घोटाले की राशि
जिला सहकारी बैंक राजगढ़——55000000
जिला सहकारी बैंक रीवा —-=–230000000
जिला सहकारी बैंक छतरपुऱ——25000000
जिला सहकारी बैंक छिंदवाड़ा़——30000000
जिला सहकारी बैंक ग्वालियर —–23000000
जिला सहकारी बैंक भोपाल——-1180000000

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