वन विभाग के वन अनुसंधान, विस्तार और लोक वानकीय शाखा ने वर्तमान में प्रदेश की 15 नर्सरियों में कैमरे लगाकर उसकी मानीटरिंग करना भी शुरू कर दिया है। यह कैमरे नर्सरी की पूरे क्षेत्र को कवर करते हैं, इनका नेटवर्क और कमांड सिस्टम पीसीसीएफ और एपीसीसीएफ के मोबाइल ऐप से भी जोड़ा गया है।
यह किसी भी समय किसी नर्सरी की मानीटरिंग मोबाइल ऐप के माध्मय से कर सकते हैं। कैमरे की फिक्सल इतना ज्यादा है कि उसके माध्यम से छोटे से छोटे पेड को देखा जा सकता है। इससे यह देखा जा सकेगा कि नर्सरी में पेड़ों को समय-समय पर खाद, पानी मिल रहा है अथवा नहीं।
इसके अलावा पेड़ों की चोरी और नर्सरी की सूरक्षा के मामले में भी यह कैमरे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। कैमरे लगाने और कंट्रोल कमांड सिस्टम के नेटवर्क से उन्हें जोडऩे के लिए प्रत्येक नर्सरियों को 45 से 50 हजार रूपए वन विभाग द्वारा दिए गए हैं। वर्तमान में 15 नर्सरियों में कैमरे लगाए गए है, जिसमें से 9 नर्सरियों के कैमरे नेटवर्क से जोड़ दिए गए हैं। प्रदेश में वन विभाग के 11 अनुसंधान वृत्ता हैं। इन वृत्तों में 162 नर्सरियां हैं, जिनमें करीब सवा सात करोड़ पेड लगाए गए हैं।
नर्सरियों की अन लाइन मानीटरिंग करने के लिए कैमरे लगाए गए हैं। सभी नर्सरियों का कंट्रोल कमांड सिस्टम मुख्यालय में बनाया गया है। वर्तमान में 25 मुख्य और बड़ी नर्सरियों को इस कमांड से जोडऩे की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
पीसी दुबे, एपीसीसीएफ वन अनुसंधान, विस्तार और लोक वानकीय