केस –
बैरसिया के एक युवका को भी एक छोला छाप डॉक्टर ने शराब छुड़ाने का अचूक नुस्खा बताया। कुछ दवा दी का का इससे शराब की लत खत्म हो जाएगी। युवक ने दवा तो ली लेकिन बाद में शराब भी पीली। इससे दवा का रिएक्शन इतना हुआ कि उसे ऑस्टियोपोरायसिस जैसा जानलेवा रोग ने घेर लिया। शराब की लत छुडऩे के नाम पर मरीजों को दी जाने वाली डाइसल्फ्यूरियम नाम की दवा भले ही शराब को छुड़ा दे लेकिन इसे लेने वाला घातक बीमारियों का शिकार हो जाता है। ताजा रिसर्च बताती है कि यह दवा मरीजों की हड्डियों को खोखला कर रही है। इससे हल्की सी चोट पर भी हड्डियों में फ्रेक्चर हो सकता है। यही नहीं इस दवा के असर से हड्डियों के दोबारा जुडऩे की क्षमता भी खत्म हो जाती है। लखनऊ के सीडीआरआई के वैज्ञानिकों ने शराब छुड़ाने वाली इन दवाओं पर रिसर्च करके इसके दुष्परिणामों को बताया है।
हड्डियों के सेल्स को खत्म करती है
डाइसल्फ्यूरियम शराब की लत छुड़ाने के लिए सबसे लोकप्रिय दवा है। रिसर्च में पाया गया है कि इस दवा में पाया जाने वाला डाई सल्फाइड हड्डियों को मजबूत बनाए रखने वाली ऑस्टियो ब्लास्ट सेल्स को डैमेज करता है, जिससे हड्डियों की हील करने की क्षमता कम हो रही है। इस स्थिति को ऑस्टियोपोरायसिस भी कहते हैं। इस बीमारी में उठने, बैठने, चलने यहां तक कि करवट बदलने में भी हड्डियां चटक जाती हैं।
ऑनलाइन या बाबा सभी यही दवा देते हैं
पत्रिका ने जब बाजार में इसकी पड़ताल की तो पता चला कि मेडिकल स्टोर पर यह दवा बिना किसी डॉक्टरी प्रिस्क्रिप्शन के मिल जाती है। सस्ती होने के कारण मेडिकल स्टोर वाले मरीजों के रिश्तेदारों को यह दवा दे देते हैं। जेके हॉस्पिटल के मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रितेश गौतम बताते हैं कि बिना डॉक्टरी सलाह के यह दवा देना मरीजों के लिए जानलेवा साबित होता है। सिर्फ मेडिकल स्टोर्स ही नहीं तमाम झोलाछाप डॉक्टर, साधू-बाबा और ऑनलाइन विज्ञापन में भी यही दवा दी जाती है।
होते हैं जानलेवा साइड इफेक्ट
-दवा लेने के बाद शराब पीने से बहुत दिक्कतें बढ़ जाती हैं
-मरीज को उल्टियां होने के साथ सांस लेने में तकलीफ
-चक्कर आना बेहोशी छाना, हाथ पैर सुन्न हो सकते हैं
-लगातार उपयोग से हड्डियां कमजोर होना
-अचानक अटैक से लकवा लगना या हार्ट फेल भी हो सकता है
यह सही है कि यह सबसे कॉमन दवा है लेकिन बड़े अस्पताल अक्सर यह दवा नहीं देते। यह दवा उन्ही मरीजों को दी जातती है जो खुद शराब छोडऩा चाहते हैं क्योंकि वह जानते हैं कि इसके बाद शराब पीने से साइड इफेक्ट होंगे। अक्सर डॉक्टर काउंसिलिंग के जरिए ही शराब छुड़वाने का प्रयास करते हैं। हां यह भी सही है कि मेडिकल स्टोर्स पर या बाबाओं द्वारा दी जाने वाली आयुवेदिक पावडर में डाइसल्फ्यूरियम होता है जो कि बहुत खरतनाक है।
-डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी, मनोचिकित्सक, बंसल अस्पताल