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भोपाल

लोकसभा चुनाव से पहले कमलनाथ सरकार के वक्त पड़े आयकर छापों में अफसरों, नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के आदेश

आईपीएस अफसर सुशोभन बैनर्जी, संजय माने, बी. मधुकुमार व राज्य सेवा के अरुण मिश्रा के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज होगी।

भोपालDec 17, 2020 / 02:12 pm

Pawan Tiwari

लोकसभा चुनाव से पहले कमलनाथ सरकार के वक्त पड़े आयकर छापों में अफसरों, नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के आदेश

लोकसभा चुनाव से पहले कमलनाथ सरकार के वक्त पड़े आयकर छापों में अफसरों, नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के आदेश

भोपाल. चुनाव आयोग ने आईपीएस तीन आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। यह कार्रवाई लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले पड़े आयकर छापों के मामले में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की रिपोर्ट के आधार पर की गई है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि वह शक के घेरे में आए सभी तत्कालीन मंत्रियों और अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करें।
सीबीडीटी की रिपोर्ट में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के कई करीबियों समेत कांग्रेस के कई तत्कालीन मंत्रियों, मप्र के आईएएस और आईपीएस अफसरों के नाम दिए गए हैं। पहले एक पूर्व वरिष्ठ आईएएस अफसर, तीन सीनियर आईपीएस और एक राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी पर केस दर्ज होगा। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, इसके घेरे में बाकी लोग भी आएंगे। आईपीएस अफसर सुशोभन बैनर्जी, संजय माने, बी. मधुकुमार व राज्य सेवा के अरुण मिश्रा के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज होगी।
कमलनाथ सरकार के दौरान उनके सलाहकार रहे राजेंद्र मिगलानी, रिश्तेदार रतुल पुरी की कंपनी मोजर बियर के लोगों, ओएसडी रहे प्रवीण कक्कड़, इंदौर के हवाला कारोबारी ललित कुमार छजलानी, कांट्रेक्टर अश्विनी शर्मा, प्रतीक जोशी व हिमांशु शर्मा के यहां छापा पड़ा था। इस दौरान बड़ी मात्रा में लेन-देन के दस्तावेज, 93 करोड़ के ट्रांजेक्शन और चार करोड़ रुपए की बरामदगी हुई थी।
चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के सीईओ को तीन IPS अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए कहा है। 2019 के आम चुनाव के दौरान काले धन के इस्तेमाल में कथित भूमिका सामने आई थी। पैनल ने केंद्रीय गृह सचिव को आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ उचित विभागीय कार्रवाई शुरू करने के लिए भी कहा है और मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी के खिलाफ समान कार्रवाई करने के लिए भी कहा है।
चुनाव आयोग के एक बयान में कहा गया है कि सीबीडीटी की रिपोर्ट ने कुछ निश्चित संस्थाओं और व्यक्तियों के बारे में आयोग को सूचित किया है जो एक निश्चित राजनीतिक दल की ओर से व्यक्तियों को अनाधिकृत और बेहिसाब नकद योगदान में शामिल थे, जिसे कर विभाग द्वारा व्यक्तियों के खिलाफ खोजों के दौरान पुष्टि होने की सूचना दी गई थी। जबकि चुनाव आयोग ने पार्टी का नाम नहीं बताया था। आयकर विभाग ने पिछले साल अप्रैल में मध्य प्रदेश और दिल्ली में 52 स्थानों पर छापे मारे थे और उन लोगों में कमलनाथ के पूर्व अधिकारी (OSD) प्रवीण कक्कड़, सलाहकार राजेंद्र मिगलानी, अश्वनी शर्मा, उनके बहनोई से जुड़े अधिकारी शामिल थे।
कांग्रेस मुख्यालय भेजे गए 20 करोड़
छापे में कांग्रेस मुख्यालय को भी 20 करोड़ रुपए भेजने के दस्तावेज मिले थे। दस्तावेजों में प्रदेश के कई तत्कालीन मंत्रियों, विधायकों और लोकसभा उम्मीदवारों के साथ लेन-देन का भी उल्लेख था। इस बात के भी दस्तावेज मिले कि अफसरों के जरिए परिवहन, महिला एवं बाल विकास, खनिज, पीडब्ल्यूडी, नगरीय विकास जैसे विभागों में लेन-देन हुआ। सूत्रों के मुताबिक कुछ पुलिस अधिकारियों ने तो अपनी गाड़ी में पैसा का मूवमेंट किया।
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