पैकेज से अधिक राशि की मांग करने वाली संस्थाओं की मान्यता समाप्त करने के लिए सीएमएचओ संचालनालय को प्रस्ताव भेजेंगे।
भोपाल. अब बीमारी सहायता निधि से इलाज कराने वाले मरीजों से निजी या सरकारी अस्पताल तय पैकेज से ज्यादा राशि नहीं मांग सकेंगे। ज्यादा राशि की मांग करने वाले निजी अस्पतालों की मान्यता निरस्त की जाएगी।
मान्यता नहीं होने पर वे बीमारी सहायता के साथ सरकारी सहायता से शासकीय कर्मचारियों का इलाज भी नहीं कर सकेंगे। स्वास्थ्य संचालनालय ने निर्देश जारी कर राज्य बीमारी सहायता में आर्थिक सहायता के लिए चिन्हित सभी बीमारियों के इलाज के लिए दरें तय कर दी हैं। इसके बावजूद कई निजी अस्पतालों द्वारा पैकेज से ज्यादा के स्टीमेंट बनाए जा रहे थे। इससे मरीजों के इलाज में लेटलतीफी होने के साथ परिजनों को भी राशि जुटाने में परेशानी हो रही थी। अब विभाग ने सभी सीएमएचओ को निर्देश जारी किए हैं कि अस्पताल का स्टीमेंट निर्धारित बीमारी के पैकेज की सीमा का ही हो। यदि यह पैकेज से अधिक हो तो संबंधित संस्था से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।
MUST READ: CARING: जिनके बच्चे घर से दूर उन मां-बाप को हो सकती है ये बीमारी
पैकेज से अधिक राशि की मांग करने वाली संस्थाओं की मान्यता समाप्त करने के लिए सीएमएचओ संचालनालय को प्रस्ताव भेजेंगे। मरीज के उपचार के बाद सहायता राशि का उपयोगिता का प्रमाण-पत्र, शेष राशि और डिस्चार्ज टिकिट भी संबंधित अस्पताल 15 दिन के अंदर सीएमएचओ को सौंपेंगे। यदि कोई मरीज राशि स्वीकृति होने के 3 माह तक इलाज के लिए नहीं आता है तो चौथे माह में पूरी राशि सीएमएचओ को सौंपेंगे। स्वास्थ्य संचालक डॉ केएल साहू बताते हैं कि पैकेज इसीलिए बनाए गए हैं कि उससे ज्यादा राशि जारी नहीं दी जाएगी। इसलिए इस संबंध में नए निर्देश जारी किए गए हैं।