शहडोल मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ मिलिंद शिरालकर ने बताया कि टेंक में ऑक्सीजन कम होने के वजह से बिस्तरों तक ऑक्सीजन सप्लाई का प्रेसर कम हो गया था। हमने बैकअप से सप्लाई जारी रखी। ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं हुई अगर एसा होता तो और भी मरीज प्रभावित होते।
इधर, पन्ना में रविवार को विंध्य के 11 लोगों की मौत हो गई। रीवा और सीधी में 4-4 और सतना में दो मौतें हुईं। पन्ना कै एक समाज़सैवी नेऑक्सीजन नहीं मिलने से दम तोड़ दिया। उनका ऑक्सीजन लेवल लगातार कम था, परिजन ने पन्ना के बाद सतना के निजी अस्पताल में भर्ती किया था।
Must see: MP में कोरोना के ताजा आंकड़े
प्रदेश के 40 फीसदी संक्रमित ऑक्सीजन पर
मध्य प्रदेश के अस्पतालों में भर्ती कुंल मरीजों में से 40 फीसदी ऑक्सीजन पर हैं। प्रदेश में रविवार को ऑक्सीजन की आपूर्ति बमुश्किल 390 टन के करीब हो पाई। प्रदेश में हर दिन 75 टन की मांग बढ़ रही है। पूरा दरोमदार अब ऑक्सीजन कंसट्रेटर पर है। हालांकि सभी जिलों में 1300 कंसट्रेटर्स लगाए जा चुके हैं। चार हजार कंसट्रेटर्स की खरीद के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं, जो एक दो दिन में अस्पतालों में लगा दिए जाएंगे। वही केंद्र सरकार ने 20 अप्रेल तक 445 टन, 25 अप्रेल तक 565 टन और 30 अप्रेल तक 700 टन ऑक्लीजन आपूर्ति करने पर सहमति दी है। हालांकि डॉक्टर्स का मामना है कि कोरोना केस यदि इसी तरह बढ़ते रहे तो प्रदेश में एक हजार टन ऑक्सीजन भी कम पड़ सकती है।