सर्चिंग में नहीं दिखाई दिया तेंदुआ
रहवाािसयों की शिकायत के बाद वन विभाग ने अमले के साथ सर्चिंग की है, लेकिन तेंदुआ दिखाई नहीं दिया है। अमले के साथ सर्चिंग करने के बाद तेंदुआ नहीं दिखाई देने से सबसे ज्यादा चिंता क्षेत्र के ग्रामीण को है। लोगों का कहना कि कहीं जंगल के बाद तेंदुआ गांवों की तरफ रूख नहीं कर लें।
अक्सर गांव में दिख जाते है तेंदुआ
यह पहली बार नहीं है कि किसी गांव या क्षेत्र में तेंदुआ दिखाई दिया है। इसके पहले भी राजधानी और राजधानी के आसपास क्षेत्रों में तेंदुआ दिखाई दिया है। तेंदुआ दिखाई देने से लोग घरों में कैद होने को मजबूर है।
इसके पहले बालाघाट के लोग थे दहशत में
कुछ वर्ष पहले जिले के तीन स्थानों में वन्य प्राणी तेंदुए की धमक से ग्रामीण दहशत में थे। इन तीन स्थानों में से कटंगी के समतपुरी में तो तेंदुए को पकडऩे या दूर खदेडऩे वन विभाग द्वारा प्रयास किए जा गए, लेकिन लालबर्रा के टेकाड़ी और खैरलांजी के चिखलाबांध में अक्सर दिखाई देने वाले तेंदुए को खदेडऩे कोई प्रयास नहीं किए जा सका था।
लालबर्रा के टेकाड़ी के ग्रामीणों का कहना था कि क्षेत्र में दिखाई दे रहा तेंदुआ काफी उत्पात मचा रखा था और गांव में दो पालतु बकरियों को अपना शिकार भी बनाया है। इस कारण उन्हें भय है कि वन विभाग की लापरवाही के चलते कहीं गांव में जन-हानि न हो जाए।
भटकते हुए रहवासी क्षेत्रों में पहुंच जाते है तेंदुआ
वन विभाग से जुड़े अधिकारियों की मानें तो वन्य प्राणी भोजन व पानी की तलाश में भटकते हुए रहवासी क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं। हालांकि वन विभाग द्वारा पूरे प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन वन्य प्राणियों के घने जंगलों में गुम हो जाने के कारण उन्हें पकड़ा नहीं जा सक रहा है। जिले के चार स्थानों में वन्य प्राणी तेंदुओं ने दहशत मचा रखी थी, लेकिन इन सब से छुटकारा दिलाने वन विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयास नाकाफी साबित हुए थे।