मध्य प्रदेश में करीब ढाई साल पहले पास हुए एक्ट के नियम लागू करने विधानसभा पटल पर रखा जाना है। इस बार सत्र रद्द होने से अभिभावकों से राहत छिनती नजर आ रही है। उधर, बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शिक्षा मंत्री को पत्र लिख नियम जल्द लागू करने की अनुशंसा की है।
पूरे मामले पर प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा है कि फीस रेगुलेशन एक्ट और नियमों को दिखवाता हूं। जल्द अध्ययन कर जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
पालक महासंघ महासचिव प्रबोध पंड्या का आरोप है कि सरकार नियमों को निजी स्कूलों के दबाव में टाला जा रहा है। सामान्य स्थिति में ट्यूशन फीस कुल फीस की लगभग 50 प्रतिशत होती है। सरकार को नियम स्पष्ट कर जल्द लागू करना चाहिए।
नो स्कूल, नो फीस अभियान
फीस को लेकर अभिभावकों की ओर से चलाए गए ‘नो स्कूल, नो फीस अभियान का दबाव असर भी दिखा रहा है। निजी स्कूलों ने अभिभावकों को फीस में छूट देना शुरू कर दी है। बैरसिया के द रॉयल पब्लिक स्कूल ने अभिभावकों के लिए जारी पत्र में कहा है कि कोविड-19 को देखते हुए प्रबंधन ने निर्णय लिया है कि सभी छात्र- छात्राओं से मासिक शुल्क स्कूल खुलने के बाद ही लिया जाएगा। लॉकडाउन या स्कूल बंद रहने तक कोई शुल्क नहीं ली जाएगी। पिछले सत्र 2019-20 में विलंब शुल्क निश्चित समय तक जमा करने पर माफ हुए हैं। स्कूल की ओर से ऑनलाइन क्लासेज निशुल्क देने की बात भी कही गई है।