यह है मामला
वाराणसी से चलकर लोकमान्य तिलक टर्मिनस कुर्ला जाने वाली गाड़ी संख्या 01072 कुर्ला एक्सप्रेस से एक परिवार भोपाल स्टेशन पर पहुंचा। परिजन उतर रहे थे, इस दौरान परिवार के मुखिया 54 वर्षीय राम विजय पांडे पैर फिसलने से गिरे और कोच के नीचे फंस गए। परिजन अभी उन्हें निकाल पाते इसके पहले ही ट्रेन का हॉल्ट समाप्त हो गया और इंजन ने हूटर बजा दिया। यह देखते ही मौके पर हड़कंप की स्थिति मच गई और यात्रियों ने दौड़कर चेन पुलिंग कर ट्रेन को आगे बढऩे से रोका। मौके पर पहुंचे आरपीएफ भोपाल पोस्ट के प्रभारी अनिल कुमार एवं जीआरपी अधिकारियों ने 21 मिनट तक रेस्क्यू कर रामपुर उत्तर प्रदेश के रहने वाले राम विजय पांडे को निकाल लिया।
Hamidia Fire Case : शव लेने तैयार नहीं, मां बोली-जिंदा है मेरा बच्चा, डीएनए टेस्ट से होगा फैसला डिब्बे के नीचे जाकर बाहर निकाला
आरपीएफ टीआइ ने अपने साथी एएसआइ हसन खान, सिपाही शमशेर आलम, अमित अवस्थी, राधेश्याम यादव एवं अन्य यात्रियों के साथ मिलकर राम विजय पांडे को बचाने का अभियान चलाया था। कुछ लोगों को पटरी के पास से होकर डब्बे के नीचे भेजा गया। पांडे का पैर डब्बे के फ्रेम में फंसकर बुरी तरह से घायल हो गया था, उनके पेंट का एक हिस्सा फाड़कर जैसे तैसे पैर को बाहर निकाला गया। प्लेटफार्म पर लाकर एंबुलेंस बुलाई गई। घायल को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसकी हालत खतरे से बाहर है। करीब 21 मिनट बाद ट्रेन को रवाना किया गया।
आरपीएफ टीआइ ने अपने साथी एएसआइ हसन खान, सिपाही शमशेर आलम, अमित अवस्थी, राधेश्याम यादव एवं अन्य यात्रियों के साथ मिलकर राम विजय पांडे को बचाने का अभियान चलाया था। कुछ लोगों को पटरी के पास से होकर डब्बे के नीचे भेजा गया। पांडे का पैर डब्बे के फ्रेम में फंसकर बुरी तरह से घायल हो गया था, उनके पेंट का एक हिस्सा फाड़कर जैसे तैसे पैर को बाहर निकाला गया। प्लेटफार्म पर लाकर एंबुलेंस बुलाई गई। घायल को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसकी हालत खतरे से बाहर है। करीब 21 मिनट बाद ट्रेन को रवाना किया गया।