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लोडिंग वाहनों के पलटने का डर, इस रो़ड़ पर कभी भी हो सकता है हादसा!

बारिश के सीजन में लोडिंग वाहनों को निकलने में होती है दिक्कत

भोपालJul 11, 2018 / 03:41 pm

Kuldeep Saraswat

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स्मार्ट शहर में बदहाल इंडस्ट्रियल एरिया, जाने क्यों…!

भोपाल। इंडस्ट्रियल एरिया गोविंदपुरा की सड़कों में एक-एक फीट गहरे गड्ढे हैं। सड़कों की हालत खराब होने के कारण इंडस्ट्रीज से माल लेकर निकलने वाले लोडिंग वाहनों के पलटने का डर बना रहता है। गोविंदपुरा इंडस्ट्रीज एरिया की सड़कों को निर्माण नहीं होने के कारण बारिश के सीजन में सबसे ज्यादा दिक्कत होती है। सड़कों पर कीचड़ होने के कारण कई बार वाहन फंस भी जाते हैं।

गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया में करीब 1100 इंडस्ट्री हैं। आर्थिक तंगी और दूसरे कारणों से करीब 300 इंडस्ट्री बंद हो चुकी हैं और इतनी ही बंद होने के कगार पर हैं। इंडस्ट्रिज के बंद होने का मुख्य कारण कारोबारी औद्योगिक क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं के नहीं मिलने को बताते हैं। औद्योगिक क्षेत्र को बदहाल सड़कों के साथ पेयजल संकट की मार भी झेलनी पड़ रही है, यहां नर्मदा लाइन तो डाली गई है, लेकिन पर्याप्त पानी की सप्लाई नहीं हो रही है।

जेके रोड की तरफ जाने वाली सभी सड़क खराब
गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया को जेके रोड से जोडऩे के लिए प्रमुख मार्ग है। इन तीनों प्रमुख मार्ग की सड़क खराब हो चुकी हैं। इस सड़कों का निर्माण करीब १५ साल पहले हुआ था। बीते पांच साल से सड़क निर्माण कार्य की राह देख रही हैं। सड़कों में इतने गहरे-गहरे गड्ढे हैं कि लोडिंग वाहन इनसे निकलते समय एक साइड को काफी झुक जाते हैं। इस दौरान हादसे का भी डर बना रहता है।

दो सौ एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा
करीब ५६ साल पहले औद्योगिक क्षेत्र 150 इंडस्ट्रीज से शुरू हुआ। वर्ष 2012 तक यह औद्योगिक क्षेत्र बुलंदियों को छू रहा था, लेकिन इसके साथ ही अतिक्रमण होता गया और झुग्गी बस्तियां बन गईं। व्यापारी लंबे समय से औद्योगिक क्षेत्र की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है। औद्योगिक क्षेत्र की करीब 200 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे हैं।

एक नजर में इंडस्ट्रियल एरिया
– 1962 में 782 एकड़ जमीन पर स्थापित हुआ गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र
– 1100 में से 400 यूनिट बदहाली के कारण बंद, शेष यूनिट को पानी, सड़क की दरकार
– 2016 में सड़क बनीं, लेकिन नर्मदा पाइप लाइन के लिए खुदाई होने से बर्बाद हो गईं
– 2500 करोड़ से घट कर 1800 करोड़ पर आ गया है सालाना टर्नओवर

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