सरगुजा में 1995 में देश के पहले सूदखोरी उन्मूलन अभियान में 10 हज़ार मज़दूरों को क़र्ज़ा मुक्त कर साहूकारों की तिजोरियों से उनकी 20 करोड़ रुपए से अधिक की पसीने की कमाई वापस कराने के भागीरथी प्रयासों का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कविता के माध्यम से अपने विचारों को कुछ इस तरह व्यक्त किया कि इक रोज किसी गूंगे से बातें करके देखो, इक रोज किसी अंधे के सपने बुनकर देखो मिल जायेगा अर्थ तुम्हें जीवन का,इक रोज किसी का दर्द मिटाकर देखो
अंत में उन्होंने कोरोना योद्धाओं को समर्पित अपनी अति प्रशंसित रचना-
कोरोना से जीत जाओ जब जंग, तब मत कहना, हम करमवीर, देवदूत या महान हैं, बस इतना कह देना कि हम भी इंसान है
के माध्यम से लाखों पुलिस कर्मियों और डाक्टरों का शुक्रिया भी अदा किया ।
समारोह में राष्ट्रीय मोटिवेशनल गुरु श्री पीएम भारद्वाज को इंडस्ट्री एकेडमी लिंकेज, राष्ट्र निर्माण एवं युवा सशक्तिकरण, शिक्षाविद भारती पाराशर को तकनीकी शिक्षा प्रसार एवं महिला सशक्तिकरण, अंतर्राष्ट्रीय डिप्लोमेट विजय समनोत्रा को पर्यावरण डिप्लोमेसी, लोक सेवा एवं राष्ट्र निर्माण और आईपीएस पवन जैन को जन सेवा के क्षेत्र में किए गए सराहनीय कार्यो, खेल विकास एवं हिंदी कविता के माध्यम से राष्ट्र निर्माण और पुलिस एवं समाज सेवा के क्षेत्र में किए गए अतिविशिष्ट योगदान के लिए अंतरराष्ट्रीय समाचार एवं विचार निगम के लाइफ टाइम अचीवमेंट्स इंटरनेशनल अवार्ड और आईएनवीसी इंटरनेशनल अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया। आई एन वी सी के इस अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह में अमेरिका यूरोप एवं एशियाई देशों से अनेकों हस्तियों ने ऑनलाइन शिरकत की।