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भोपाल

पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के निज सचिव की जमानत नामंजूर, जानिये पूरा मामला

गुजरात की वेलजी कंपनी के हरेश सौरठिया को भी नहीं मिली अग्रिम जमानत

भोपालAug 14, 2019 / 08:50 am

सुनील मिश्रा

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भोपाल। ई-टेंडर घोटाले के मामले में जेल में बंद पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के निज सचिव वीरेन्द्र पाण्डेय की जमानत अर्जी अदालत ने खारिज कर दी है। वहीं दूसरी ओर गुजरात की सौरठिया वेलजी कंपनी के मालिक हरेश सौरठिया को भी अग्रिम जमानत नहीं मिल सकी । विशेष सत्र न्यायाधीश ईओडब्ल्यू संजीव पाण्डेय ने दोनों अर्जियों पर सुनवाई के बाद मंगलवार को यह आदेश दिये हैं।
पाण्डेय की जमानत अर्जी पर आपत्ति दर्ज कराते हुए ईओडब्ल्यू के वकील अमित राय ने दलील दी थी कि ई-टेंडर घोटाला के जरिये टेन्डरों में टेम्परिंग कर विभिन्न कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिये बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है । पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के निज सचिव वीरेन्द्र पाण्डेय जेल में बंद हैं।
अदालत ने पाण्डेय की जमानत पर आदेश में लिखा है कि केस डायरी में पाण्डेय के खिलाफ गंभीर आरोप हैं, ऐसे में जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता । गौरतलब है कि पांडेय को ईओडब्ल्यू ने रिमांड पर लेकर भी पूछताछ की है। इसमें कई बातें सामने आई थी। इससे कुछ अधिकारियों और राजनेताओं की तरफ भी घोटाले में शामिल होने के संकेत भी मिले हैं। आर्थिक अपराध अन्वेषण विंग द्वारा इस मामले की गहराई से जांच पडताल की जा रही है।
सौरठिया को नहीं मिली अग्रिम जमानत

सौरठिया की अर्जी पर सुनवाई के दौरान अमित राय ने बताया कि सौरठिया वेलजी रत्ना कंपनी बडोदरा के जल संसाधन विभाग में दो टेन्डरों में टेम्परिंग मिली थी। इसके एवज में कंपनी के खाते से अन्य आरोपी मनीष खरे की कंपनी में करीब सवा तीन करोड़ रूपये जमा हुए थे ।
अदालत ने आदेश में लिखा है कि हरेश सौरठिया की अपराध में भागीदारी सारवान और महत्वपूर्ण है उसकी कंपनी से सह आरोपी मनीष खरे की कंपनी के बैंक खातों में राशि जमा कराई गई है । ऐसे में सौरठिया को अग्रिम जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता ।

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