– अतिक्रमण हटाने चलेगा अभियान
तालाबों में अतिक्रमण हटाने के लिए पंचायत स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। सचिव और पटवारी तालाब की नपती करेंगे। तालाब का नक्शा, एरिया और अतिक्रमण की पूरी जानकारी तैयार उसकी पूरी रिपोर्ट जिला पंचायत कार्यालय को सौंपी जाएगी। तालाब के किनारे अवैध निर्माण अथवा खेती करने वालों को बेदखल किया जाएगा। कब्जा हटाने के बाद तालाब की जमीन पर फैंसिंग की जाएगी। इस पर ग्राम सचिव निगरानी रखेंगे। तालाब अगर सार्वजनिक स्थल, शासकीय भवन अथवा सड़क के किनारे है तो उसमें पास शासकीय जमीन पर पार्क भी बनया जाएगा।
– सिंचाई के लिए लेना होगी अनुमति
किसान तालाबों में मोटर लगाकर खेतों की सिंचाई नहीं कर पाएंगे। इसके लिए उन्हें पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से अनुमति लेना पड़ेगी। बड़े तालाबों में स्थानीय लोगों उपयोग के लिए दैनिक उपयोग और सिंचाई के लिए पीने का आरक्षित किया जाएगा।
– लगाए जाएंगे फलदार पौधे
तालाबों के किनारे पौधरोपण किया जाएगा। यहां ज्यादातर फलदार पौधे लगाए जाएंगे। स्थानीय लोगों को इसका दोहरा लाभ मिले। पौधरोपण स्व-सहायता समूह और मनरेगा के माध्यम से किया जाएगा। प्राधिकरण पौधरोपण और तालाब के रखरखाव और सुरक्षा की निगरानी समीक्षा करेगा। तालाब के रखरखाव में कमियां पाए जाने पर ग्रामसेवक और सचिव के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।