ऐसा होता है अवैध कारोबार का खेल
दरअसल बिल्डर, कॉलोनाइजर गांव के किसानों से कम दाम में एक लंबे समय की उधारी लेकर खेती की जमीन खरीद लेते हैं। इस जमीन पर प्लाटिंग की जाती है। इस खेती की भूमि का नहीं डायवर्सन कराया जाता है और नहीं टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से इसकी अनुमति ली जाती है। कम कीमत की वजह से प्लाट खरीदने वाले लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं।
यहां हो रहे बिना अनुमति निर्माण
गांधीनगर में वार्ड-1 के अंतर्गत सिविल अस्पताल के पास सरकारी जमीन में निर्माण किया जा रहा है। गोंदरमऊ से अचारपुरा रोड एवं बिसनखेड़ी में बिना अनुमति के 15 एकड़ जमीन में प्लाटिंग की जा रही है वहीं निर्माणकर्ताओं ने मेड़ पर सरकारी भूमि में कॅालोनी का गेट लगाकर रास्ता बंद कर दिया है।
नहीं मिलती बिजली पानी
कम कीमत के लालच में खरीदार यहां प्लाट खरीद लेते हैं। विक्रेता यहां सडक़, बिजली और पानी का वादा कर प्लाट बेच देते हैं, लेकिन बाद में इन्हें यहां ना तो बिजली मिलती है नाही पीने का पानी।
– गांधीनगर में अवैध प्लाटिंग और सरकारी जमीन में निर्माण की जानकारी मिली है। राजस्व और भवन अनुज्ञा शाखा के अधिकारियों से बातचीत कर कार्रवाई कराने के प्रयास करेंगे।
राजकुमारी मीणा, पार्षद वार्ड-1
– गांधीनगर में सरकारी जमीन में निर्माण और गोंदरमऊ में कृषि भूमि में प्लाटिंग की जानकारी ली जा रही है। कृषि भूमि में प्लॉटिंग और सरकारी जमीन में अवैध निर्माण पर कार्रवाई की जाएगी।
मनोज वर्मा, एसडीएम
– गांधीनगर में बिना अनुमति निर्माण कार्यों की जानकारी मिली है। निर्माण कार्यों की जांच कराकर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
हरीश गुप्ता, पीआरओ नगर निगम, भोपाल