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भोपाल

कर्ज माफी का वादा भूल भाजपा भावांतर के भंवर में उलझी, कांग्रेस नहीं बन सकी आवाज

किसानों को 2013 के घोषणा पत्र में ऋण राहत आयोग का दिखाया था सपना…

भोपालSep 02, 2018 / 01:45 pm

दीपेश तिवारी

mp politics

कर्ज माफी का वादा भूल भाजपा भावांतर के भंवर में उलझी, कांग्रेस नहीं बन सकी आवाज

भोपाल@आलोक पण्ड्या कर रिपोर्ट…

भाजपा अपने 2013 के घोषणा पत्र (जन संकल्प) में किसानों के लिए की गई दो नंबर की घोषणा पर ही अमल करना भूल गई। किसानों की कर्ज माफी और ऋण राहत आयोग का गठन सपना ही रह गया।
भाजपा के 2013 के घोषणा पत्र में सबसे ज्यादा 58 घोषणाएं किसानों से जुड़ी थीं। कांग्रेस ने 30 घोषणाएं शामिल की थीं। जून 2017 में हुए किसान आंदोलन के डैमेज कंट्रोल में सरकार भावांतर योजना लाई, लेकिन इसके भंवर में दूसरी योजनाएं डूब गईं।
हालांकि, भाजपा ने पिछले एक साल में ही 1500 करोड़ रुपए खर्च किए। भाजपा की कई घोषणाएं जमीन पर बखूबी नजर आई, लेकिन 20 फीसदी घोषणाएं ‘जनसंकल्प 2013’ के पन्नों से बाहर ही नहीं निकल पाई। कांग्रेस किसानों के मुद्दों पर सड़क से सदन तक लड़ती तो नजर आई, लेकिन अपने ही घोषणा पत्र के कई मुद्दे उसने आंदोलनों के दौरान भुला ही दिए।
कर्ज माफी
प्रदेश के लगभग 38 लाख किसानों पर 22500 करोड़ का कर्ज है। भाजपा सरकार ने कर्ज माफ नहीं किया, लेकिन राहत की योजनाएं लाती रही। शून्य प्रतिशत ब्याज पर कर्ज दिया। फिर 10 प्रतिशत की छूट दी। दोनों की शर्त एक निर्धारित अवधि में कर्ज लौटाने की थी। इससे 17 लाख किसान डिफाल्टर हो गए।
कर्ज पर कांग्रेसी सियासत
मंदसौर गोलीकांड की पहली बरसी पर प्रदेश आए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने छह जून 2018 को एेलान किया कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर किसानों कर्ज 10 दिन में माफ कर दिया जाएगा। पार्टी ने किसानों के मुद्दे सड़क से सदन तक उठाए, लेकिन दमदारी के साथ दबाव नहीं बना पाई।
सिंचाई में सरकार को मिली सफलता
भाजपा ने सिंचाई का रकबा 40 लाख हेक्टेयर से अधिक करने का वादा किया था। सरकार इसे पूरा करने का दावा कर रही है। पांच साल में सिंचाई का रकबा 11 लाख हेक्टेयर बढ़ा है।
भाजपा सरकार ने किसानों को समृद्ध बनाया। यह सिंचाई की बेहतर सुविधा, बिजली की उपलब्धता, समय पर किसानों को खाद, बीज, ऋण और सॉइल हेल्थ कार्ड से संभव हुआ है।
– गौरीशंकर बिसेन, कृषि मंत्री
सरकार ने खेती को लाभ का धंधा बनाने की बात की थी। उसने किसानों पर गोलियां चलवाईं। कर्ज से किसान खुदकुशी कर रहे हैं ।
– अरुण यादव, पूर्व केन्द्रीय मंत्री

घोटालों का आरोप
कांग्रेस ने पिछले पांच साल में कई बार बांध, नहर और सिंचाई परियोजना में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। पार्टी का कहना है कि सरकार का सिंचाई का दावा कागजी है हकीकत में किसानों के खेत सूखे हैं।
कॉरिडोर
भाजपा ने भोपाल-इंदौर के बीच हार्टीकल्चर कॉरिडोर बनाने के साथ ही भोपाल, छिंदवाड़ा, धार, झाबुआ और रतलाम में हार्टीकल्चर क्लस्टर बनाने का वादा किया था। इसे पूरा नहीं किया। कांग्रेस के घोषणा पत्र से हार्टीकल्चर जैसा विषय गायब था।
वादे जो भुला दिए गए…
– ऋण राहत आयोग का गठन।
– खेतीहर मजदूरों को प्रोविडेंट फंड स्कीम।
– ग्रामीण आश्रय योजना।
– प्रदेश में 10 एग्रो पॉलिटेक्निक कॉलेज की स्थापना।
– किसानों के लिए ऋण परामर्श केंद्र की स्थापना।
– नकली बीजों पर शिकंजा कसने नियामक प्राधिकरण।
– गोचर भूमि विकास बोड बनाना।
– भोपाल इंदौर के बीच हार्टीकल्चर कॉरिडोर।
12 घंटे बिजली
भाजपा ने किसानों को खेती के लिए 12 घंटे बिजली देने का वादा किया था। औसतन 7-8 घंटे बिजली मिल रही है। वहीं, 2003 में बिजली संकट के कारण सरकार खो चुकी कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में पांच हार्सपॉवर तक मुफ्त बिजली का दावा किया था।
नई फसल बीमा योजना
भाजपा ने नई फसल बीमा योजना का वादा किया था। शिवराज सरकार ने फसल बीमा बनाना शुरू किया ही था कि केंद्र ने 2016 में नई बीमा योजना लॉन्च कर दी। क्लेम भुगतान में देरी किसानों के लिए बड़ा संकट है। हालांकि, पार्टी भुगतान का दावा करती है।
आरोप तक सीमित
कांग्रेस ने फसल बीमा को व्यापक बनाने की बात की थी। कांग्रेस ने विपक्ष में रहकर फसल बीमा क्लेम में लेटलतीफी और घोटाले के आरोप तो जमकर लगाए, लेकिन लड़ाई अंजाम तक नहीं पहुंचा पाई। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में रायसेन जिले में छह करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया था।

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