कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां दो साल से सड़कें खोदी हुई हैं। निर्देश के बावजूद ठेका एजेंसी दुरूस्त नहीं कर रही। बारिश के बाद हर बार यहां कीचड़ और इससे लोगों को परेशानी की स्थिति बनती है। कोलार की राजहर्ष कॉलोनी, प्रियंका नगर, ललिता नगर, नम्रता नगर, सनखेड़ी रोड, वंदना नगर से लेकर मिसरोद, बावडिय़ा, गुलमोहर से जुड़ी कॉलोनियां है। शाहपुरा में तो निगमायुक्त बीते दो माह में तीन बार निरीक्षण कर खुदी सड़कों को दुरूस्त करने का कह चुके, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है।
सड़कें दुरूस्त रहे इसके लिए निर्माण एजेंसी की सिविल शाखा जिम्मेदार है। शहर के अंदरूनी गलियों, मोहल्लों की सड़कों मे कीचड़ की स्थित अधिक है। इसके लिए संबंधित जोन के कार्यपालन यंत्री- डिप्टी सिटी इंजीनियर, सहायक यंत्री सिविल जिम्मेदार है। कोलार में प्रमोद मालवीय के पास यहां का जिम्मा है और यहीं पर सड़कें सबसे खराब है। इसी तरह खराब स्थिति करोद क्षेत्र जोन 17 में है। यहां नंदकिशोर डेहरिया के पास जिम्मा है।
सड़कों की खराब पर इंजीनियर्स ध्यान नहीं दे रहे, इसकी बड़ी वजह इंजीनियर्स मे तालमेल नहीं होना है। यहां पर जोन के उपयंत्री, सहायक यंत्री के साथ ही डिप्टी सिटी व कार्यपालन यंत्री तक एक दूसरे का विरोध करते हुए एक दूसरे के खिलाफ रहते हैं। बीते एक साल में निगम में चार मामले इस तरह के आ गए।
केवीएस चौधरी, निगमायुक्त