बता दें कि लोक शिक्षण संचालनालय सोमवार तक इसका शेड्यूल जारी कर सकता है। सभी शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक स्टाफ स्कूल में नियमित उपस्थित रहेंगे। प्री-बोर्ड परीक्षा टेक होम के रूप होंगी। छात्र स्कूलों से प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिकाएं लेकर घर आएंगे। घर पर पेपर हल करने के बाद उसे तय समय पर स्कूल में जमा करना होगा।
टेक होम के रूप होंगी परीक्षा
लोक शिक्षण संचालनालय जल्द ही प्री-बोर्ड का पूरा शेड्यूल जारी कर देगा। इसमें परीक्षा के दिन और समय तय किए जाएंगे। छात्र किस तरह स्कूल से पेपर और उत्तर पुस्तिकाएं ले सकेंगे। कितने समय में उन्हें उत्तर पुस्तिका स्कूल में जमा करना होगा, ये सब बताया जाएगा। वहीं प्रदेश में 10वीं और 12वीं के एग्जाम को लेकर सस्पेंस बरकरार है। एग्जाम को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग अभी वेट एंड वॉच की स्थिति में है। आगे का कोई भी निर्णय कोरोना के पीक को देखते हुए लिया जाएगा। अगर इसके बाद भी परीक्षा नहीं हो पाती हैं, तो इस बार आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर ही रिजल्ट तैयार किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार एमपी बोर्ड के पास मार्च, अप्रैल और मई में परीक्षा कराने का समय है।
स्थिति पर रखी जा रही है नजर
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो अभी तक परीक्षाओं को लेकर अलग से प्लान नहीं बनाया है। 31 जनवरी तक कोरोना की स्थिति पर नजर रखे हैं। अगर 31 जनवरी तक कोरोना का पीक नहीं आता है, तो फरवरी में पीक आने की आशंका है। ऐसे में फरवरी के मध्य में होने वाली एमपी बोर्ड की परीक्षा की तारीखें आगे खिसक सकती हैं। वहीं शहर के एक्सपर्ट का कहना है कि बच्चे को लगातार बुखार बना हुआ है। 100 से नीचे नहीं उतर रहा है, या सांस लेने की गति बढ़ रही हो। सांस लेने में दिक्कत हो रही हो। ऑक्सीजन लेवल 93 से नीचे पहुंच गया हो। या खाने पीने में दिक्कत या लगातार उल्टी हो रही हो। ऐसे स्थिति में तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए।