योजना के तहत अगर सब ठीक रहा तो अगले कुछ सालों में राजधानी में ज्यादातर वाहन बैटरी से चलते हुए नजर आएंगे। इसके लिए अभी से तैयारी शुरू हो गई है। डीजल, पेट्रोल के कारण धुंए से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। इसे देखते हुए नगर निगम ने ई-बाइक की शुरुआत कर दी है वहीं वन विहार में भी ई व्हीकल शुरू हो चुका है। रेलवे स्टेशन पर भी ये वाहन आ गए। इनके बाद अब बड़े बदलाव की तैयारी है। लोकल ट्रांसपोर्ट सिस्टम के तहत भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बीसीएलएल) ने शहर में 100 ई-बसों को लाने की योजना बनाई हैं। इसके अलावा ई-रिक्शा चलाने की भी योजना है। ये रिक्शा उन कॉलोनियों में चलेंगे जहां बस की पहुंच नहीं है। पदाधिकारियों के मुताबिक कॉलोनी से बस स्टॉप तक इन्हें चलाया जाएगा।
घटेगी डीजल पेट्रोल की खपत ई-वाहनों के आने से डीजल पेट्रोल की खपत कम होगी। ई-वाहन धुंआ नहीं उगलते हैं। ऐसे में प्रदूषण कम होगा और पर्यावरण में सुधार होगा। इस दिशा में कई और विभाग भी काम कर रहे हैं।
लोकल ट्रांसपोर्ट सिस्टम की ये स्थिति
– लो फ्लोर बस – 150
– मिडी बसें – 50
– मैजिक वाहन – 2000
– ऑटो – 3000
इनका कहना
पर्यावरण सुधार के लिए ई-बस चलाने की तैयारी है। पहले चरण में 100 बसें आएगी। इसके साथ ई-रिक्शा भी चलाए जाने हैं। इसके लिए योजना तैयार हो रही है।
केवल मिश्रा, डायरेक्टर बीसीएलएल
विशेषज्ञ
पर्यावरण की बेहतरी के लिए ये अच्छा कदम है। डीजल, पेट्रोल की खपत कम होने से प्रदूषण नहीं होगा। वर्तमान में सबसे ज्यादा प्रदूषण के कारणों में से धुंआ एक है। वाहनों की बढ़ती संख्या इसका कारण है। ई-व्हीकल से प्रदूषण में कमी आएगी।
सीपी खरे, रिटायर्ड चीफ इंजीनियर एमपीपीसीबी