सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि स्कूलों को यह बताना होगा कि वह किस-किस मद में फीस ले रहे हैं। यह जानकारी शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड होगी। अभिभावक उसे देख सकेंगे और कोई शिकायत होने पर एक माह में जिला समिति को शिकायत कर सकेंगे, लेकिन एक माह बाद भी 80 फीसदी स्कूल बात मानने को तैयार नहीं है।
सीधी बात.़.़.ऱाजीव तोमर, संयुक्त संचालक, शिक्षा विभाग – निजी स्कूलों को फीस की जानकारी देने की समय सीमा तीन सितम्बर थी, इसे एक महीने बीत चुके हैं, भोपाल में क्या स्थिति है? – भोपाल में 20 फीसदी स्कूलों ने जानकारी दी है।
– उच्चतम न्यायालय के आदेश पर विभाग जानकारी मांग रहा है, लेकिन निजी स्कूल देने को तैयार नहीं है, ऐसी स्थिति में क्या किया जा रहा है? – हमने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए थे, कि सभी जगह सूचित करें। उन्होंने किया है जिसके बाद धीरे-धीरे जानकारी देने वाले स्कूलों की संख्या बढ़ रही है।
———- – अब तक कितने स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की गई है? क्या किसी को नोटिस दिया गया है? – हमने जिला शिक्षा अधिकारी को लिखा है कि जो स्कूल जानकारी नहीं दे रहे, उन्हें नोटिस दें। फिर भी नहीं मानते हैं तो मान्यता समाप्ति का प्रकरण बनाएं, जल्द ही स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।