कोरोना से उबर बढ़े तरक्की के कदम : अर्थ-व्यवस्था फिर पटरी पर, बढ़ी आमदनी
——————– पिछले साल से ज्यादा राजस्व वसूली अभी तक हुई- केवल वृत्तिकर को छोडक़र बाकी सभी आमदनी में इजाफा- शराब, प्रॉपटी टैक्स, जीएसटी सहित अन्य में बढ़ी कमाई——————
CM Shivraj Singh Chouhan Statement,
jitendra.chourasiya@भोपाल। पिछले साल कोरोना के कहर से लडख़ड़ाई राज्य की अर्थ-व्यवस्था एक बार फिर पटरी पर लौट आई है। पिछले वित्तीय वर्ष से ज्यादा की आमदनी राज्य को इस बार अब तक हुई है। पिछले वित्तीय सत्र से करीब 45 फीसदी की ज्यादा राजस्व वसूली इस बार अब तक की दो तिमाही में सामने आई है। पिछली बार जहां करीब 17 हजार करोड़ की राजस्व वसूली थी, तो अब यह राशि 24 हजार करोड़ पार हो गई है। इससे कोरोना से उबर कर वापस तरक्की की ओर बढऩे में प्रदेश को मदद मिलेगी।
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खत्म हो रहा निगेटिव इम्पैक्ट-
कोरोना के कारण प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था पर काफी निगेटिव इम्पेक्ट पड़ा था। यह अब धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। दरअसल, पिछले वित्तीय वर्ष में अप्रैल, मई व जून 2020 राजस्व वसूली के लिहाज से बिलकुल ठप थे। जुलाई 2021 से कुछ हालात संभले थे। इस बार भी अप्रैल व मई का महीना ही कोरोना की दूसरी लहर के कहर का समय था, लेकिन फिर भी दो तिमाही का सितंबर पहले हफ्ते तक का कुल आकलन देखे तो स्थिति सुधरी है। करीब 7 हजार करोड़ से ज्यादा की राजस्व वसूली पिछले साल से ज्यादा हुई है।
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खूब पी शराब, खूब चुकाया जीएसटी-
राज्य की आमदनी के लिए मोटे तौर पर रेत-खनिज, आबकारी, प्रॉपटी व अन्य टैक्स और पेट्रोल-डीजल का टैक्स ही रहता है। इसलिए वाणिज्यकर विभाग, पंजीयन विभाग और आबकारी विभाग ही आमदनी का मुख्य जरिया है। इस बार वाणिज्य कर विभाग ने 1748.58 करोड़ की आमदनी पिछले साल से ज्यादा की है। वृत्तिकर में कमी रही, लेकिन बाकी सभी जगह राजस्व बढ़ा है। इसी तरह इस साल शराब पीकर टैक्स चुकाने में भी बढ़ोत्तरी हुई है। शराब से आमदनी में 21.46 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। यह राज्य की अर्थ-व्यवस्था के लिए अच्छे संकेत हैं।
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इन कदमों से पड़ा असर-
राज्य सरकार ने इस बार कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद उद्योग-धंधे और रोजगार पर फोकस किया। लॉकडाउन की बजाए कोरोना कफ्र्यू को अपनाया गया। इससे जरूरत के उद्योग-धंधे चलते रहे। वहीं कारोबार भी कोरोना प्रोटोकॉल के साथ चलता रहा। इसलिए पहले की तुलना में ज्यादा राजस्व बढ़ा। मकानों की रजिस्ट्री से लेकर अन्य व्यवसाय भी कोरोना की बंदिशों के साथ चले। इसलिए राजस्व में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।
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केंद्र से अटकी किस्तें मिले तो और आसानी-
केंद्र सरकार से विभिन्न योजनाओं की अटकी किस्तें यदि सरकार को समय पर मिल जाती है, तो राज्य की अथ्र-व्यवस्था में और बेहतर स्थिति होगी। अभी मनरेगा, कृषि सहित अन्य विभागों में किस्तें अटकी हैं। राहत आपदा कोष की दूसरी किस्त भी करीब साढ़े सात सौ करोड़ की अटकी हुई है। सरकारी निर्माण कामों में भी राशि का उपयोग करने से प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था को सामान्य बनाने में मदद मिली। केंद्रीय राशि मिलने से इनकामों में और बढ़ोत्तरी होगी।
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ऐसी है राजस्व आमदनी की स्थिति-(राशि करोड़ में)
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वाणिज्यकर विभाग- 2020-21- 2021-22
नॉन जीएसटी आमदनी- 4085.64 – 5834.22
वृत्तिकर- 120.12- 118.27
एसजीएसटी व एडहॉक- 5424.61- 8537.24
पंजीयन विभाग- 1852.44- 2811.53
आबकारी से- 3046.91- 2700.88
कुल- 17139.94- 24971.69
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