मंत्रालय के गेट पर धरने पर बैठे कर्मचारियों ने किया सुंदरकांड
भोपाल. साढ़े तीन साल से बंद पदोन्नतियां फिर से शुरू करने, वेतनमान के हिसाब से पदनाम, कर्मचारियों के नियमित भुगतान सहित अन्य मांगों को लेकर मंगलवार को मंत्रालय के कर्मचारियों ने एक दिवसीय धरना दिया। मंत्रालय के गेट नंबर एक के सामने हुए धरने में कर्मचारियों ने ढोलक, मंजीरों के साथ संगीतमय सुंदरकांड भी किया। इसमें महिला कर्मचारियों ने भी भाग लिया। पूरे दिन कर्मचारी यहां धरने पर बैठे रहे, और मंत्रालय में कर्मचारियों की कुर्सियां खाली पड़ी रहीं। इस धरने के कारण मंत्रालय का कामकाज प्रभावित हुआ और लोग भटकते नजर आए। इस दौरान कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर भी आवाज बुलंद की। संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने बताया कि सरकार कर्मचारियों की समस्याओं की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। साढ़े तीन साल से पदोन्नतियां बंद है, हमारी मांग है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है, तो कम से कम सरकार वेतनमान के हिसाब से ही पदनाम दे। इसी प्रकार अपने वचन पत्र में कहा था कि शिक्षकों के समान वेतनमान दिया जाए, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सरकार कर्मचारियों की मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है, इसलिए हमें आंदोलन करना पड़ रहा है। अगर हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो दिवाली के बाद हम हड़ताल करेंगे। धरना और सुंदरकांड में बड़ी संख्या में कर्मचारी उपस्थित थे।
भोपाल. साढ़े तीन साल से बंद पदोन्नतियां फिर से शुरू करने, वेतनमान के हिसाब से पदनाम, कर्मचारियों के नियमित भुगतान सहित अन्य मांगों को लेकर मंगलवार को मंत्रालय के कर्मचारियों ने एक दिवसीय धरना दिया। मंत्रालय के गेट नंबर एक के सामने हुए धरने में कर्मचारियों ने ढोलक, मंजीरों के साथ संगीतमय सुंदरकांड भी किया। इसमें महिला कर्मचारियों ने भी भाग लिया। पूरे दिन कर्मचारी यहां धरने पर बैठे रहे, और मंत्रालय में कर्मचारियों की कुर्सियां खाली पड़ी रहीं। इस धरने के कारण मंत्रालय का कामकाज प्रभावित हुआ और लोग भटकते नजर आए। इस दौरान कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर भी आवाज बुलंद की। संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने बताया कि सरकार कर्मचारियों की समस्याओं की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। साढ़े तीन साल से पदोन्नतियां बंद है, हमारी मांग है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है, तो कम से कम सरकार वेतनमान के हिसाब से ही पदनाम दे। इसी प्रकार अपने वचन पत्र में कहा था कि शिक्षकों के समान वेतनमान दिया जाए, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सरकार कर्मचारियों की मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है, इसलिए हमें आंदोलन करना पड़ रहा है। अगर हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो दिवाली के बाद हम हड़ताल करेंगे। धरना और सुंदरकांड में बड़ी संख्या में कर्मचारी उपस्थित थे।