बचाव का ऐसा तरीका
सरकार की ओर से साधारण सवालों के जबाव आ जाते हैं, लेकिन जिन सवालों में सरकार को किरकिरी होने का डर रहता है तो उसके लिए यही लिखित जवाब दिया जाता है कि जानकारी एकत्रित की जा रही है। कई सवालों के बारे में लगातार पांच साल तक यही जवाब मिलता रहा। इसमें किसानों की आय, छात्रवृत्ति घोटाला, व्यापमं के माध्यम से हुई नियुक्तियां, आइएएस, आइपीएस अफसरों के खिलाफ लोकायुक्त कार्रवाई आदि के सवाल प्रमुख हैं।
यह है स्थिति
निजी अस्पतालों की फीस और पैरामेडिकल स्टॉप की जानकारी से जुड़े सवाल दो साल से लंबित हैं। इस बीच विधानसभा सचिवालय ने तीन बार विभाग को लिखा, लेकिन हर बार अधूरा ही जवाब आया। मालूम हो स्वास्थ्य विभाग के 54 सवाल लंबित हैं। व्यापमं से जुड़े सवालों की भी यही स्थिति है। लंबित सवालों के जवाबों के लिए विधानसभा ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा। इसके लिखित जवाब में मुख्य सचिव ने कहा कि लंबित मामलों की समीक्षा कर समय पर जवाब देने के निर्देश विभागों को दिए गए हैं।
नियम क्या कहता है…
विधानसभा सत्र की अधिसूचना जारी होने के साथ ही विधायक लिखित सवाल पूछ सकते हैं। विधानसभा सचिवालय इन सवालों को प्रदेश सरकार के संबंधित विभाग को भेजती है। संबंधित विभाग के मंत्री सदन में इनका जवाब देते हैं। यदि किसी कारण सरकार की ओर से चालू सत्र में जवाब नहीं आता है तो उसे अगले सत्र में जवाब देना अनिवार्य है, लेकिन इसका पालन नहीं होता। निर्धारित समय पर जवाब न आने पर यह मामले सदन की प्रश्न एवं संदर्भ समिति को स्थानांतरित हो जाते हैं, समिति विभागों से जवाब तलब कर देरी के लिए संबंधित की जिम्मेदारी भी तय करती है।
पत्र लिखने तक सीमित विधानसभा
विधानसभा को यह अधिकार भी है कि वह संबंधित विभाग के जिम्मेदार अफसर पर एक्शन लेने के लिए सरकार को निर्देश दे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लंबित सवालों के मामले में विधानसभा ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा। मुख्य सचिव ने लिखित जवाब दिया कि विभागों की समीक्षा कर समय पर जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि इस मामले में विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह का कहना है कि सचिवालय का प्रयास रहता है कि विधायकों के सवालों के जवाब समय पर मिल जाएं, इसके लिए समय-समय पर स्पीकर भी विभाग को निर्देश देते हैं। देरी से जवाब देने के मामले में अफसरों की जिम्मेदारी तय करने के लिए सचिवालय लिखता है। लंबित सवालों को लेकर मुख्य सचिव को भी पत्र लिखा जा चुका है।