पुरुषोत्तम माह: भक्ति की डोर से बंधे शहरवासी
भोपाल•Sep 29, 2020 / 02:06 am•
govind agnihotri
श्रद्धालु ले रहे हैं भागवत ज्ञान, तुलसी माला से कर रहे भजन
भोपाल. साधना और आराधना के पवित्र पुरुषोत्तम मास में इन दिनों श्रद्धालु भक्ति की डोर से बंधे हुए हैं। इस पवित्र माह में एक ओर अनेक श्रद्धालु घरों में धार्मिक ग्रंथों का वाचन, मंत्र जाप, साधना के साथ धार्मिक अनुष्ठान कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर शहर के मंदिरों में भी विशेष अनुष्ठान, आयोजन और शृंगार का सिलसिला चल रहा है।
वहीं हबीबगंज स्थित मां भवानी शिव मंदिर में पुरुषोत्तम मास के उपलक्ष्य में चल रही कथा के दौरान पं. जगदीश शर्मा ने कहा कि पुरुषोत्तम मास में भगवान का षोडशोपचार पूजन करने दुख दरिद्र का नाश होता है। इस महीने में जो भी भगवान नारायण की पूजा आराधना करते हैं वह कभी गरीब नहीं होते और उनका नारायण हरि मनोकामना पूर्ण करते हैं।
कांच से बने झूले में विराजे प्रभु श्रीनाथ
लखेरापुरा स्थित श्रीजी मंदिर में अधिकमास के चलते विशेष शृंगार किया जा रहा है। इसी के तहत सोमवार को प्रभु श्रीनाथजी को नीले वस्त्र के साथ सिर पर नीले फूल का कतरा और राजशाही पटके का श्रृंगार किया गया। प्रभु ने नीले मखमल के कपड़े और कांच से बने झूले में विराजमान होकर दर्शन दिए।
बांके बिहारी मंदिर में भागवत
भागवत चौबदारपुरा तलैया स्थित बांके बिहारी मार्र्कं डेय मंदिर में भी यहां रोजाना ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का अनुष्ठान किया जा रहा है, साथ ही भक्त तुलसी माला से भजन कर रहे हैं। अधिकमास के चलते यहां भागवत का वाचन भी किया जा रहा है। कथा में सोमवार को पं. रामनारायण आचार्य ने भागवत के महत्व पर प्रकाश डाला।
गुफा मंदिर में दीपदान
लालघाटी स्थित गुफा मंदिर में भी विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किए जा रहे हैं। यहां भगवान का विशेष शृंगार के साथ मंत्र जाप आदि पंडितों द्वारा किए जा रहे हैं, साथ ही दीपदान भी किया जा रहा है। सोमवार को भी अनेक श्रद्धालुओं ने मंदिर में दीपदान किया।
अधिकमास का पहला प्रदोष आज, शिवालयों में होगी विशेष आराधना
शिव पूजा के लिए विशेष फलदायी माने जाने वाला प्रदोष व्रत मंगलवार को रहेगा। अधिकमास का यह पहला प्रदोष व्रत रहेगा। पवित्र अधिकमास के पहले प्रदोष व्रत पर शहर के मंदिरों में भगवान भोलेनाथ का विशेष शृंगार किया जाएगा और पूजा अर्चना होगी। कई श्रद्धालु प्रदोष पर व्रत भी रखेंगे। प्रदोष का दिन शिव आराधना के लिए विशेष शुभ माना जाता है। पूरे साल में हर माह औसतन दो बार प्रदोष व्रत आता है, कुछ विशेष अवसर पर यह तीन बार भी हो जाता है। इसके बाद अधिकमास का अगला प्रदोष व्रत 14 अक्टूबर को आएगा।