सूत्रों के मुताबिक शिखर सम्मान के लिए दिनेश चंद्र दुबे प्रदीप दीक्षित, प्रेम गुप्ता, कन्हैयालाल कैथवार की समिति ने रंगकर्मी संजय मेहता और सतीश दवे के नाम की अनुशंसा की थी। वहीं कालीदास सम्मान के लिए गठित चयन समिति ने दीप्ती ङ्क्षसहा और प्रेम गुप्ता के नाम की अनुशंसा की थी। इस चयन समिति में जयंत देशमुख, सतीश दवे और संजय मेहता शामिल रहे। लेकिन यह अनुशंसाएं लीक हो गईं। सूत्रों का कहना है कि विभाग ने दूसरी चयन समिति गठित की और उसी समिति ने नामों पर विचार किया और फिर नाम घोषित किए गए।
घोषित किए गए पुरस्कारों में आधा दर्जन पुरस्कार ऐसे हैं जिनमेें मध्यप्रदेश का एक भी नाम शामिल नहीं है। इनमें कालिदास सम्मान (शास्त्रीय संगीत), कालिदास सम्मान (शास्त्रीय नृत्य), कालिदास सम्मान (रूपांकर कलाएं), कालिदास सम्मान (रंगकर्म), किशोर कुमार सम्मान, लता मंगेश्कर सम्मान, इकबाल सम्मान, कुमार गंधर्व सम्मान शामिल हैं। इनमें नोयडा, दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई, बड़ौदा, लखनऊ, पटना, इलाहाबाद के निवासी शामिल हैं।
संस्कृति विभाग ने पहल की और सम्मानों की प्रक्रिया को पूरा किया। जबकि कुछ समय पूर्व सम्मानों में विवाद खड़े हो गए थे। उन विवादों को सुलझाते हुए पुरस्कार घोषित किए। सम्मान की सूची में जिनके नाम शामिल हैं, वे सही हो सकते हैं, लेकिन जो सक्रिय हैं, वरिष्ठ हैं, बड़े नामों को अनदेखा किया जाना अजीब लगा। चयन समिति की दृष्टि विशाल होना चाहिए थी।
अशोक बुलानी, वरिष्ठ रंगकर्मी