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भोपाल

मुख्यमंत्री गौ-सेवा योजना शुरू, 3000 गौ-शालाओं के निर्माण का लक्ष्य

राज्य सरकार ने वर्ष 2020-21 में 3000 गौ-शालाओं के निर्माण का लक्ष्य रखा है।

भोपालDec 30, 2019 / 01:41 pm

हर्ष पचौरी

गौशाला में मृत गायों को नोंच खाया चील और कौओं ने, ग्राम प्रधान से की शिकायत को मिली हैरानी वाला जवाब

गौशाला में मृत गायों को नोंच खाया चील और कौओं ने, ग्राम प्रधान से की शिकायत को मिली हैरानी वाला जवाब

पशुपालन विभाग के माध्यम से सरकार ने आम जनता की संवेदना को समझते हुए गौ-माता के संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री गौ-सेवा योजना प्रारंभ की है। गौ-शाला निर्माण के लिए शासन द्वारा 27 लाख 60 हजार रुपये का प्रावधान रखा गया है। गौ-शालाओं का निर्माण कार्य निरंतर जारी है। लगभग एक हजार गौ-शालाओं में से 400 गौ-शालाओं का निर्माण इसी माह पूर्ण हो जाएगा। राज्य सरकार ने वर्ष 2020-21 में 3000 गौ-शालाओं के निर्माण का लक्ष्य रखा है। इन गौ-शालाओं के निर्माण का दायित्व पंचायतों को सौंपा गया है।

निजी भागीदारी से भी बनेगी गौ-शालाएँ

प्रदेश में निजी भागीदारी से गौ-शालाओं की स्थापना के लिए मध्यप्रदेश भूमि प्रबंधन नीति 2019 बनाई गई है। पशु चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय अधिनियम 2009 में संशोधन किया गया है। इससे जहाँ एक ओर शिक्षा, अनुसंधान एवं रोजगार को बढ़ावा मिलेगा, वहीं दूसरी ओर पशुपालकों को गुणवत्तायुक्त पशु चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। प्रदेश में पहली बार गौ-शालाओं के लिए विद्युत शुल्क कम करवाया गया है।

गौ-वंश संरक्षण में जन-सहयोग के लिये पोर्टल स्थापित

गौ-वंश को गौ-माता मानने वाली मध्यप्रदेश की जनता को गौ-वंश संरक्षण के कार्य से जोड़ने के लिए www. gopalanboard.mp.gov.in पोर्टल प्रारंभ किया गया है। शासन द्वारा दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तरीय मिल्क क्वालिटी कंट्रोल लैब की स्थापना की गई है। इसी के साथ, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, सागर, ग्वालियर एवं रीवा में वेक्सीन कोल्ड चेन के सुदृढ़ीकरण की योजना को मूर्त रूप दिया गया है। दूध से बनाए जाने वाले उत्पादों के लिये ऑटोमेटिक दही और पनीर संयंत्र की स्थापना की गई है।

गौ-शाला एवं गौ-अभ्यारण्य में गोबर, कंडा, खाद एवं मूत्र का व्यवसायिक स्तर पर उत्पादन करवाने की योजना है, जिससे गौ-पालक इन उत्पादों से अधिक से अधिक लाभान्वित हो सकें। राज्य सरकार ने गौ-काष्ठ एवं गमलों के लिए एक लाख रूपये प्रति गौ-शाला की राशि स्वीकृत की है।

मुख्य मार्गों पर गौ-वंश के संरक्षण एवं देखभाल के लिए अस्थायी शिविर की व्यवस्था कर दुर्घटना में घायल पशुओं के उपचार और मृत गायों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था की गई है। इस संबंध में विभिन्न राजमार्गों पर ट्रामा सेन्टर की स्थापना से संबंधित परियोजना के लिए भारत सरकार को प्रतिवेदन भेजा जा रहा है।

गाय की देश नस्लों का संरक्षण और सुधार

राज्य सरकार ने तय किया है कि देशी नस्ल की गाय जैसे निमाड़ी, मालवी, गिर, साहीवाल, थारपारकर, हरियाणा आदि का संरक्षण एवं नस्ल सुधार किया जाएगा। साथ ही कृत्रिम गर्भाधान को निजी सहभागिता से आगे बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण आयोजित करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। मादा पशुओं की संख्या बढ़ाने के लिए केवल मादा गर्भ-भ्रूण किसानों को नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन में 3105 लाख रुपये की परियोजना स्वीकृत की गई है।

केन्द्रीय वीर्य संग्रहालय, भोपाल को भारत शासन द्वारा ‘ए’ ग्रेड से सम्मानित किया गया है। शासन द्वारा दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहन स्वरूप 5 रूपये प्रति लीटर बोनस देने का निर्णय लिया गया है। यह प्रोत्साहन राशि दुग्ध संघ के माध्यम से किसान को दी जाएगी। इसके लिये दुग्ध संघ को 358 करोड़ 63 लाख रूपये दिये जाने का प्रस्ताव प्रचलन में है।

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