scriptBIG Breaking: ये छोटी सी बात बन गई कांग्रेस के गले की फांस,सैंकड़ों कांग्रेसी उतरे बगावत पर! | Rebellion in congress | Patrika News
भोपाल

BIG Breaking: ये छोटी सी बात बन गई कांग्रेस के गले की फांस,सैंकड़ों कांग्रेसी उतरे बगावत पर!

ये छोटी सी बात बन गई कांग्रेस के गले की फांस, बगावत पर उतरे सैंकड़ों कांग्रेसी!

भोपालMay 23, 2018 / 07:36 pm

दीपेश तिवारी

Congress in split

BIG Breaking: ये छोटी सी बात बन गई कांग्रेस के गले की फांस,सैंकड़ों कांग्रेसी उतरे बगावत पर!

भोपाल। कर्नाटक में सरकार बनवाने की खुशी के बीच मध्यप्रदेश कांग्रेस में अचानक ही बगावत के सुर बुलंद हो गए हैं। जिसके चलते यहां राजनीति में उबाल आ गया है।

ऐसे में चुनाव को लेकर अब तक लगातार मध्यप्रदेश में दिखाई जा रही कांग्रेस की एकता, चुनाव से कुछ समय पहले ही तार तार होनी शुरू हो गई है। इसके चलते कुछ क्षेत्रों के कांग्रेसी बगावत पर उतर आए हैं।
जबकि इससे कुछ दिनों पहले ही विदिशा के सैकड़ों भाजपाई भी कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। वहीं अब कमेटियों के गठन में अपनी उपेक्षा से नाराज कांग्रेसियों ने बगावत का मन बना लिया और कांग्रेस से इस्तीफे तक दे दिए।
जानकारों का मानना है दोनों बड़ी पार्टियों में इस प्रकार से तोड़फोड़ होना कोई बड़ी बात नहीं है। चुनाव से पहले अपना नफा-नुकसान के आधार पर पूर्व में भी कई नेता इधर से उधर होते रहे हैं। लेकिन इस बार तो अध्यक्ष राहुल गांधी के मध्यप्रदेश दौरे से ठीक पहले ही कांग्रेस में घमासान शुरू हो गया है।
MUST READ: भाजपा के सैंकडों कार्यकर्ता पहुंचे PCC कार्यालय, फिर हुआ ये…- With Video

अभी और भी कई जगह हो सकती है बगावत…
जानकारों के अनुसार अभी चुनाव के पास आने तक कई और जगह भी बगावत के सुर सुनाई दे सकते हैं। इस बार जहां कांग्रेस में बगावत हुई है। वहीं जानकारों का मानना है कि भाजपा में भी कई जगह बगावत सुलगती सी देखी जा सकती है। जिसको लेकर भाजपा पहले से ही चिंतित है।
split in MP Congress
ये है मामला…
दरअसल पांच कमेटियों के गठन में अपनी उपेक्षा से नाराज मंदसौर की पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन समेत करीब 150 से अधिक समर्थकों के इस्तीफे की खबरें आ रही हैं।

नटराजन ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए मोबाइल फोन भी बंद कर लिया है। इससे उनके इस्तीफे की पुष्टि नहीं हो पा रही है। मीनाक्षी की नाराजगी का यह मामला भोपाल से लेकर दिल्ली तक पहुंच गया है।
आखिरकार सामने आए कांग्रेस विधायक…
प्रदेश की चुनावी कमेटियां घोषित करने से पूर्व एक बार पूर्व सांसद नटराजन को विश्वास में लेना था। उनसे बात कोई बात नहीं की गई, विश्वास में नहीं लिया गया। इसके विरोध में कांग्रेस कमेटी में प्रतिनिधि के पद से इस्तीफा दिया है।
– हरदीप सिंह डंग, विधायक(कांग्रेस), सुवासरा
भाजपा का ये हैं डर…
दरअसल ब्राह्मणों को मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का समर्थक माना जाता रहा है। लेकिन प्रमोशन में आरक्षण मामले में हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए ‘माई का लाल’ बयान के बाद स्थितियां बदल गई। ब्राह्मण समाज मुखर होकर सामने आ रहे हैं और वो कई मामलों को लेकर बुरी तरह से नाराज भी है।
वहीं रही सही कसर पार्टी में प्रदेश में लंबे समय से ब्राह्मण समाज के नेताओं को लूप लाइन में डालने से हो गई। पार्टी के पास पहले पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, पूर्व कैबिनेट मंत्री अनूप मिश्रा, लक्ष्मीकांत शर्मा और पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा जैसे इस वर्ग में पैठ रखने वाले नेता थे। कैलाश जोशी उम्र के चलते साइड लाइन कर दिए गए। बाकी को पार्टी ने हाशिए पर डाल दिया।
वहीं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा 2013 से पहले तक भाजपा सरकार में ब्राह्मणों के दमदार नेता माने जाते थे। कुछ समय से अपनी ही पार्टी से नाराज चल रहे हैं। जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री को लगातार हो रही अनदेखी को लेकर पत्र लिखा है।
इसके अलावा अनूप सार्वजनिक तौर पर भी कह चुके हैं कि उनका पार्टी में अपमान हो रहा है। और ये अपनी पराकाष्ठा पार कर चुका है। वहीं यह तक कहा जा रहा है मुरैना से सांसद अनूप की उनके संसदीय क्षेत्र में छोटे अधिकारी तक नहीं सुनते। जिला प्रशासन उनको स्थानीय कार्यक्रमों तक में नहीं बुलाता।
कांग्रेस में बगावत के ये रहे कारण…
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश की पांच कमेटियों का गठन मंगलवार को किया था। इसमें दिग्विजय सिंह , ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुरेश पचौरी समेत कई दिग्गजों को शामिल किया था।
समन्वय समिति में मीनाक्षी नटराजन को शामिल नहीं करते हुए मंदसौर से उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदी राजेंद्र सिंह गहलोत को शामिल कर लिया गया। मीनाक्षी को वाइस चेयरपर्सन बनाया गया है, जबकि नरेंद्र नाहटा को कन्वेनर बनाया गया है।
इससे मीनाक्षी बेहद नाराज हो गईं। उनके नाराजगी की खबरें लिस्ट जारी होने के अगले दिन सुबह से आने लगी थी। दोपहर तक मंदसौर से जिले से करीब 150 से अधिक समर्थकों के इस्तीफे की भी खबरें आने लगी। साथ ही मंदसौर जिला कांग्रेस में पदस्थ उनके पांच पदाधिकारियों ने भी इस्तीफे दे दिए।
जिला उपाध्यक्ष ने दिया इस्तीफा…
इससे एक दिन पहले कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष महेंद्र गुर्जर ने भी कांग्रेस नेता राजेंद्र सिंह गौतम को प्रदेश की समन्वय समिति में लेने पर विरोध जताया था और अपना इस्तीफा प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को भेज दिया था।
जिला उपाध्यक्ष महेंद्र गुर्जर ने इस्तीफे के साथ लिखा था कि 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में मंदसौर ससदीय सीट से कांग्रेस की अधीकृत प्रत्याशी मीनाक्षी नटराजन के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने पर कांग्रेस से निष्कासित किया गया था।
इतना ही नहीं 2013 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ प्रचार करने के बावजूद राजेंद्र सिंह गौतम को समन्वय समिति में सदस्य बनाया गया है। इससे कांग्रेस लगातार कमजोर हो रही है।
राहुल गांधी 6 जून को मंदसौर आएंगे…
राहुल गांधी 6 जून को किसान आंदोलन में मारे गए लोगों की बरसी पर मंदसौर के पिपलिया आने वाले हैं। इससे पहले कांग्रेस में घमासान शुरू हो गया है।
राहुल गांधी मंदसौर किसान आंदोलन में मारे गए किसानों की बरसी के दिन मंदसौर जिले में आ रहे हैं। उनकी यहां बड़ी सभा होने जा रही है। उनके दौरे से पहले कांग्रेस में बगावत को काफी अहम माना जा रहा है।

वहीं सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के आला अधिकारी मीनाक्षी को मनाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने अपना मोबाइल फोन तक बंद कर दिया है। इससे कांग्रेस नेताओं समेत मीडिया के लोग उनसे संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि नाराजगी में उन्होंने कांग्रेस पार्टी से ही इस्तीफा दे दिया है, लेकिन मोबाइल फोन बंद कर लेने के कारण मीनाक्षी नाटराजन से इस्तीफे की पुष्टि नहीं हो पा रही है।
राहुल गांधी ने बनाई थी ये समितियां…
समन्वय समितिः
मध्यप्रदेश में चुनाव के लिए बनी समन्वय समिति में चेयरमैन दिग्विजय सिंह के अलावा, महेश जोशी, रामेश्वर नीखरा, मुजीब कुरैशी, सत्यव्रत चतुर्वेदी, बिसाहूलाल सिंह, विनय दुबे, राजेंद्र सिंह गौतम, हर्ष सिंह नरवरिया, महेंद्र जोशी, सोहन बाल्मीकी, विभा पटेल, सुनील सूद।
यह है इलेक्शन कमेटी
इसके अलावा इलेक्शन कमेटी का भी गठन किया गया है जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया को चेयरमैन बनाया गया है। कांतिलाल, भूरिया, अरुण यादव, विवेक तन्खा, इंद्रजीत पटेल, आरिफ अकील, मुकेश नायक, राजमणी पटेल, सज्जन वर्मा, रामबरन सिहं गुर्जर, राजवर्धन दातेगांव, हर्देव पाल यादव, अर्चना जैसवाल, रामगोपाल सिंह राजपूत।
यह है प्लानिंग कमेटी
इसके अलावा प्लानिंग कमेटी में मध्यप्रदेश के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी को चेयरमैन बनाया गया है। पचौरी की टीम में केपी सिंह, सईद अहमद, विजय लक्ष्मी साधौ, शोभा ओझा, उमंग सिंघार, रमेश अग्रवाल, प्रवीण सक्सेना, प्रवीण कक्कर।
मेनिफेस्टो कमेटी
मेनिफेस्टो कमेटी का चेयरमैन राजेंद्र सिंह को बनाया गया है। इनकी टीम में विवेक तन्खा को वाइस चेयरमैन बनाया गया है। मीनाक्षी नटराजन को वाइस चेयरपर्सन बनाया गया है, जबकि नरेंद्र नाहटा को कन्वेनर बनाया गया है।
डिसीप्लीनरी एक्शन कमेटी
डिसीप्लीनरी एक्शन कमेटी में हजारीलाल रघुवंशी को चेयरमैन बनाया गया है। जबकि चंद्रप्रकाश शेखर को सह चेयरमैन बनाया गया है। इनके अलावा चंद्रमोहन, सत्यनारायण पंवार और मंजू राय को मेंबर बनाया गया है।
मीडिया कमेटी
मीडिया कमेटी में मयंक अग्रवाल को चेयरमैन बनाया गया है, जबकि पंकज चतुर्वेदी और पंकज शर्मा को भी इस टीम में शामिल किया गया है।

ये हैं नए जिला अध्यक्ष…
दरअसल कांग्रेस ने 20 जिला अध्यक्षों को भी बदल दिया है। भोपाल जिला अध्यक्ष पीसी शर्मा के स्थान पर कैलाश मिश्रा को शहर जिला अध्यक्ष की कमान दी गई है। इसके अलावा चुनाव से पहले बीस जिलों में भी जान फूंकने के लिए कांग्रेस ने यह परिवर्तन किया है।
ये बने नए अध्यक्ष: कैलाश मिश्रा भोपाल शहर, अरुण श्रीवास्तव, भोपाल देहात,विट्ठल दास मीना गुना जिला अध्यक्ष, बैजनाथ यादव शिवपुरी, कन्हैया राम लोधी अशोकनगर, देवेंद्र शर्मा ग्वालियर, अजय टंडन दमोह, गुरमीत सिंह मंगू रीवा शहर, सुभाष गुप्ता शहडोल, मिथलेश जैन कटनी शहर, गुमान सिंह ठाकुर, कटनी देहाद, राजकुमार खुराना सिवनी, वीरेंद्र बिहारी शुक्ला डिंडौरी, विश्वेश्वर भगत बालाघाट, रतन सिंह ठाकुर सीहोर, नारायण सिंह अमलावे राजगढ़, सुनील शर्मा बैतूल, कपिल फौजदार होशगाबाद, मनोज राजानी देवास, वीरेंद्र सिंह राठौर बड़वानी।

अभी और तेज होगा जोड़तोड़ का खेल !…
राजनीति के जानकारों की माने तो मध्यप्रदेश में जैसे जैसे चुनाव नजदीक आते जाएंगे। पार्टियों में जोड़तोड़ का खेल चरम तक पहुंचता जाएगा। राजनीति के जानकार आरके शर्मा के अनुसार तो मध्यप्रदेश में कोई पार्टी पूरी तरह से चुनाव के ठीक पहले दो फांड हो जाए तो भी कोई अचंभा नहीं है।
उनके मुताबिक वर्तमान में दोनों पार्टियों में जो स्थितियां बनी हुई हैं, उनमें बहुत लोग नाराज बने हुए हैं। और धीरे धीरे बगावत की ओर बढ़ते दिख रहे हैं। कांग्रेस में जहां कुछ गुट किसी खास कारण से नाराज है तो वहीं भाजपा में कई नेता अपनी अनदेखी से नाराज हैं।
उनका कहना है कि कांग्रेस के अलग अलग ग्रुप तो किसी से छुपे नहीं हैं, लेकिन भाजपा में भी आज कमोबेश यही स्थिति धीरे धीरे ही सही लेकिन उत्पन्न होती दिख रही है। जिनकी बगावत का इस चुनाव में भाजपा को बड़ा खतरा बना हुआ है।

Home / Bhopal / BIG Breaking: ये छोटी सी बात बन गई कांग्रेस के गले की फांस,सैंकड़ों कांग्रेसी उतरे बगावत पर!

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो