अभी और भी कई जगह हो सकती है बगावत…
जानकारों के अनुसार अभी चुनाव के पास आने तक कई और जगह भी बगावत के सुर सुनाई दे सकते हैं। इस बार जहां कांग्रेस में बगावत हुई है। वहीं जानकारों का मानना है कि भाजपा में भी कई जगह बगावत सुलगती सी देखी जा सकती है। जिसको लेकर भाजपा पहले से ही चिंतित है।
दरअसल पांच कमेटियों के गठन में अपनी उपेक्षा से नाराज मंदसौर की पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन समेत करीब 150 से अधिक समर्थकों के इस्तीफे की खबरें आ रही हैं। नटराजन ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए मोबाइल फोन भी बंद कर लिया है। इससे उनके इस्तीफे की पुष्टि नहीं हो पा रही है। मीनाक्षी की नाराजगी का यह मामला भोपाल से लेकर दिल्ली तक पहुंच गया है।
प्रदेश की चुनावी कमेटियां घोषित करने से पूर्व एक बार पूर्व सांसद नटराजन को विश्वास में लेना था। उनसे बात कोई बात नहीं की गई, विश्वास में नहीं लिया गया। इसके विरोध में कांग्रेस कमेटी में प्रतिनिधि के पद से इस्तीफा दिया है।
– हरदीप सिंह डंग, विधायक(कांग्रेस), सुवासरा
दरअसल ब्राह्मणों को मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का समर्थक माना जाता रहा है। लेकिन प्रमोशन में आरक्षण मामले में हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए ‘माई का लाल’ बयान के बाद स्थितियां बदल गई। ब्राह्मण समाज मुखर होकर सामने आ रहे हैं और वो कई मामलों को लेकर बुरी तरह से नाराज भी है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश की पांच कमेटियों का गठन मंगलवार को किया था। इसमें दिग्विजय सिंह , ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुरेश पचौरी समेत कई दिग्गजों को शामिल किया था।
इससे एक दिन पहले कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष महेंद्र गुर्जर ने भी कांग्रेस नेता राजेंद्र सिंह गौतम को प्रदेश की समन्वय समिति में लेने पर विरोध जताया था और अपना इस्तीफा प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को भेज दिया था।
राहुल गांधी 6 जून को किसान आंदोलन में मारे गए लोगों की बरसी पर मंदसौर के पिपलिया आने वाले हैं। इससे पहले कांग्रेस में घमासान शुरू हो गया है।
वहीं सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के आला अधिकारी मीनाक्षी को मनाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने अपना मोबाइल फोन तक बंद कर दिया है। इससे कांग्रेस नेताओं समेत मीडिया के लोग उनसे संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि नाराजगी में उन्होंने कांग्रेस पार्टी से ही इस्तीफा दे दिया है, लेकिन मोबाइल फोन बंद कर लेने के कारण मीनाक्षी नाटराजन से इस्तीफे की पुष्टि नहीं हो पा रही है।
समन्वय समितिः
मध्यप्रदेश में चुनाव के लिए बनी समन्वय समिति में चेयरमैन दिग्विजय सिंह के अलावा, महेश जोशी, रामेश्वर नीखरा, मुजीब कुरैशी, सत्यव्रत चतुर्वेदी, बिसाहूलाल सिंह, विनय दुबे, राजेंद्र सिंह गौतम, हर्ष सिंह नरवरिया, महेंद्र जोशी, सोहन बाल्मीकी, विभा पटेल, सुनील सूद।
इसके अलावा इलेक्शन कमेटी का भी गठन किया गया है जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया को चेयरमैन बनाया गया है। कांतिलाल, भूरिया, अरुण यादव, विवेक तन्खा, इंद्रजीत पटेल, आरिफ अकील, मुकेश नायक, राजमणी पटेल, सज्जन वर्मा, रामबरन सिहं गुर्जर, राजवर्धन दातेगांव, हर्देव पाल यादव, अर्चना जैसवाल, रामगोपाल सिंह राजपूत।
इसके अलावा प्लानिंग कमेटी में मध्यप्रदेश के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी को चेयरमैन बनाया गया है। पचौरी की टीम में केपी सिंह, सईद अहमद, विजय लक्ष्मी साधौ, शोभा ओझा, उमंग सिंघार, रमेश अग्रवाल, प्रवीण सक्सेना, प्रवीण कक्कर।
मेनिफेस्टो कमेटी का चेयरमैन राजेंद्र सिंह को बनाया गया है। इनकी टीम में विवेक तन्खा को वाइस चेयरमैन बनाया गया है। मीनाक्षी नटराजन को वाइस चेयरपर्सन बनाया गया है, जबकि नरेंद्र नाहटा को कन्वेनर बनाया गया है।
डिसीप्लीनरी एक्शन कमेटी में हजारीलाल रघुवंशी को चेयरमैन बनाया गया है। जबकि चंद्रप्रकाश शेखर को सह चेयरमैन बनाया गया है। इनके अलावा चंद्रमोहन, सत्यनारायण पंवार और मंजू राय को मेंबर बनाया गया है।
मीडिया कमेटी में मयंक अग्रवाल को चेयरमैन बनाया गया है, जबकि पंकज चतुर्वेदी और पंकज शर्मा को भी इस टीम में शामिल किया गया है। ये हैं नए जिला अध्यक्ष…
दरअसल कांग्रेस ने 20 जिला अध्यक्षों को भी बदल दिया है। भोपाल जिला अध्यक्ष पीसी शर्मा के स्थान पर कैलाश मिश्रा को शहर जिला अध्यक्ष की कमान दी गई है। इसके अलावा चुनाव से पहले बीस जिलों में भी जान फूंकने के लिए कांग्रेस ने यह परिवर्तन किया है।
अभी और तेज होगा जोड़तोड़ का खेल !…
राजनीति के जानकारों की माने तो मध्यप्रदेश में जैसे जैसे चुनाव नजदीक आते जाएंगे। पार्टियों में जोड़तोड़ का खेल चरम तक पहुंचता जाएगा। राजनीति के जानकार आरके शर्मा के अनुसार तो मध्यप्रदेश में कोई पार्टी पूरी तरह से चुनाव के ठीक पहले दो फांड हो जाए तो भी कोई अचंभा नहीं है।