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भोपाल

अतिथि शिक्षक भर्ती: इस बार भाई भतीजावाद और परिवारवाद हावी होने के चलते सबसे ज्यादा विवाद

वायरल आॅडियो viral audio में शिक्षक बोला: मैं बोल रहा हूं,सीएसी का फोन आया होगा कंवर साहब को नौकरी पर रखने : Recommendation for job …

भोपालAug 12, 2019 / 02:38 pm

दीपेश तिवारी

Atithi shikshak

भोपाल@प्रवीण मिश्रा की रिपोर्ट…

मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षक नियुक्ति recruitment of atithi shikshak को लेकर इस बार सबसे ज्यादा विवाद मध्यप्रदेश के गुना जिले से सामने आ रहे हैं। जो विभाग की उदासीनता के चलते थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

कहीं स्कूल के प्रभारी पर जातिवाद फैलाने के आरोप लग रहे हैं तो कहीं विभाग के आला अधिकारी अपने रिश्तेदार या पहचान वाले को रखने के लिए प्रभारी पर दबाव बना रहे हैंं। कुल मिलाकर ये है कि जिले में शायद ही ऐसा कोई स्कूल हो जहां अतिथि शिक्षक atithi shikshak रखने को लेकर विवाद उत्पन्न न हुआ हो।


इस साल शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर सबसे पहला विवाद विभाग के ही पोर्टल ने उत्पन्न किया है। क्योंकि इस पर स्कूल में खाली पड़े व भरे पदों से संबंधित जानकारी गलत फीड की गई है। जिसकी वजह से पात्र आवेदक न तो फार्म भर सके और न ही जिन स्कूलों में शिक्षकों की वास्तविक जरुरत थी उन्हें शिक्षक guest teachers recruitment मिल सके। या तो दूसरे स्कूल में चले गए हैं या स्वर्ग सिधार गए हैं इसके बाद भी उक्त विद्यालय के पोर्टल में उनका नाम चल रहा है।

व्यवस्था तहस नहस : System collapsed …
शिक्षा विभाग में पहलीवार कमलनाथ सरकार ने ऑनलाइन स्थानांतरण online transfer किये हैं। शिक्षामंत्री एक वीडियो जारी कर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। जबकि शिक्षा की व्यवस्था चरमरा System collapsed गई है।
यदि हाल में किए गए ट्रांसफर को निरस्त transfer cancel या संशोधन नहीं किया तो चालू शिक्षा सत्र Current education session में ग्रामीण स्कूल चौपट हो सकते हैं। शहरों के स्कूलों में इतने अधिक शिक्षक होंगे कि बैठने की भी व्यवस्था नहीं है। गुना लोकल सहित गुना के नजदीक के सभी स्कूल में शिक्षक अतिशेष पूर्व से ही थे, 20 ट्रांसफर और बढ़ गए।
अतिथि शिक्षक नियुक्ति guest teachers recruitment में गुना से यह विवाद आए सामने…
केस 1: मधुसूदनगढ़ क्षेत्र के एक स्कूल में अतिथि शिक्षक guest teachers पद पर आवेदन करने वाले आवेदक ने अपनी शिकायत में बताया था कि उसने निश्चित तिथि पर विधिवत ऑनलाइन आवेदन Online Application किया था। नंबरों के आधार पर उसका पहला स्थान था। फिर भी स्कूल के प्रभारी ने उसे वहां नियुक्त नहीं होने दिया।
कारण पूछने पर बताया गया कि यहां बीईओ BEO साहब की पुत्रवधू की नियुक्ति होना है। इसलिए तुम्हारी नियुक्ति नहीं हो सकती है। विवाद सामने आने के बाद डीईओ DEO का कहना था कि व्यक्ति कोई भी नियुक्ति नियमानुसार ही होगी।
केस 2: अतिथि शिक्षक atithi teachers नियुक्ति को लेकर दूसरा विवाद जिले के बमौरी तहसील के शासकीय प्राथमिक विद्यालय कुटिया में सामने आया है।

हाल ही में एक ऑडियो वायरल Audio viral हुआ है जिसमें यहां के स्कूल प्रभारी प्रदीप त्यागी और पास के ही एक दूसरे शासकीय प्राथमिक विद्यालय बरखेड़ा के एक शिक्षक पुरुषोत्तम भार्गव के बीच अतिथि शिक्षक atithi shikshak को लेकर चर्चा हुई है, उसमें भार्गव उक्त स्कूल प्रभारी पर अपने दामाद की नियुक्ति करवाने के लिए अनुचित दबाब डलवा रहे हैं।
यहां तक कि उन्होंने अपने दामाद के लिए सीएसी शैलेन्द्र सिकरवार से फोन करवाया ही नहीं बल्कि उनके नाम को धमकाने का भी प्रयास किया। जबकि स्कूल प्रभारी एक ही बात कहते रहे कि अभी हमारे यहां पोर्टल पर जगह भरी दिखाई जा रही है। आपका फोन मेरे पास बार-बार आ रहा था, जगह नहीं हैं तो कैसे कर रख लूं अतिथि शिक्षक atithi shikshak के पद पर।
वहीं ऑडियो वायरल होने और इस मामले में पत्रिका ने शिक्षक भार्गव से पूछा तो उन्होंने बताया कि अपने दामाद को नौकरी पर रखने के लिए जरूर स्कूल प्रभारी से कहा था। मैंने स्कूल प्रभारी पर कोई दबाब नहीं डाला। केवल सामान्य रूप से नियुक्ति के लिए कहा था।
सामान्य रूप से नियुक्ति का कहा था: भार्गव
गुना में पत्रिका ने जब स्कूल प्रभारी पर दबाब डालने वाले शिक्षक पुरुषोत्तम भार्गव से पूछा तो वे पहले घबड़ा गए उन्होंने पत्रिका को चर्चा के दौरान बताया कि अपने कंवर साहब को नौकरी पर रखने के लिए स्कूल प्रभारी से जरूर कहा था। लेकिन मैंने स्कूल प्रभारी पर ज्यादा कोई दबाब नहीं डाला। केवल सामान्य रूप से नियुक्ति के लिए कहा था। सीएसी से मैंने जरूर कहा था, उन्होंने स्कूल प्रभारी से फोन पर बात की होगी। ऑडियो वायरल हो रहा है तो इसका मुझे नहीं मालूम।
ठेके पर रखे शिक्षक : Hired teachers
सरकारी स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों को सरकार बच्चों को पढ़ाने के लिए 50 हजार रुपए तक वेतन दे रही है। इसके बावजूद यह शिक्षक स्कूल तक नहीं जा रहे हैं। यही नहीं जिले में कुछ स्कूल ऐसे भी हैं जहां मोटा वेतन पाने वाले शिक्षकों ने 3 से 5 हजार रुपए में ठेके पर ही शिक्षक रख लिए हैं।
इन गड़बडिय़ों से भी उत्पन्न हुए विवाद
पोर्टल पर गलत जानकारी फीड होने से कुछ स्कूलों में दो दो प्रधानाध्यापक हो गए हैं। तो कहीं पद रिक्त न होते हुए भी शिक्षक भेज दिए गए हैं। मावि घोसीपुरा में हेड मास्टर बद्रीप्रसाद गांठे पदस्थ है फिर भी यहां हरि बुनकर को भेज दिया गया।
मावि पुरानी छावनी तथा मावि जाटपुरा में एक परिसर एक शाला के चलते प्रधानाध्यापक के पद शासन द्वारा समाप्त कर दिए हैं। मिश्रीलाल जाटव को बालापुर से तथा सुरेंद्र भार्गव को गादेर के विद्यालय से गुना स्थानांतर कर दिया गया है। बालक मावि कैंट से विजय श्रीवास्तव को मावि नवीन शाला, जगमोहन शुक्ला हेड मास्टर को बजरंगढ़ भेज दिया गया।
स्कूल प्रभारी और शिक्षक पुरुषोत्तम भार्गव के बीच मोबाइल पर बातचीत
स्कूल प्रभारी- हां बोलो
शिक्षक भार्गव- कौन- मैं बोल रहा हूं प्रदीप
स्कूल प्रभारी- हां बोलो, क्या कह रहे थे
भार्गव- हां मैं यह कह रहा था कि प्रस्ताव और फार्म दे दूं।
स्कूल प्रभारी- आप कौन से स्कूल में हो,कौन से ब्लॉक में आता है।
भार्गव- मैं बरखेड़ा स्कूल में हूं, आरोन में नहीं बमौरी ब्लॉक में आता है।
स्कूल प्रभारी – कौन है आपका बेटा, है क्या
भार्गव: नहीं हमारे कंवर साहब हैं, उन्हें पहले मैंने लगवा दिया था, अब वहां दूसरे का करा दिया है। आपके यहां जगह खाली है वहां करवाना है। सीएसी का फोन आपके पास आया होगा। उन्होंने कंवर साहब को नौकरी पर रखने आपसे कही होगी।
स्कूल प्रभारी- चार-पांच दिन से लगातार फोन तो आ रहे हैं, लेकिन मैं कैसे रख लूं, हमारे यहां पोर्टल पर अतिथि शिक्षक की जगह खाली ही नहीं हैं। जब होगी जगह खाली, तब देखेंंगे।
( नोट: स्कूल प्रभारी और नियुक्ति के लिए दवाब डलवाने वाले शिक्षक के बीच हुई बातचीत की रिकार्डिंग पत्रिका के पास उपलब्ध है।)

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