दरअसल पंजीयन विभाग ने 2015 से ई-रजिस्ट्री की शुरूआत की है। इसके बाद लगातार सम्पदा के सॉफ्टवेयर को अपडेट किया जा रहा है। प्रतिदिन प्रदेश में तीन हजार से ज्यादा रजिस्ट्री होती हैं, ऐसे में किसी के नाम से रजिस्ट्री सर्च करना आसान नहीं है। ऐसे में जो व्यक्ति रजिस्ट्री करा रहा है उसके नाम पर पहले कितनी सम्पत्ति है, उसकी जानकारी नहीं हो पाती। लेकिन सम्पदा 2.0 में बनाई जा रही इंडेक्स में इसकी सुविधा मिलेगी।
ईओडब्ल्यू, आयकर, लोकायुक्त को राहत
आर्थिक अपराधों की जांच करने वाली एजेंसियों को इस सॉफ्टवेयर से काफी राहत मिलेगी। अभी बेनामी सम्पत्ति का पता करने के लिए इन महकमों के अफसर पंजीयन अधिकारियों को पत्र लिखकर जानकारी मांगते हैं। नए सॉफ्टवेयर के माध्यम से उन्हें भी एक लिंक मुहैया कराई जाएगी जिसमें वे खुद आसानी से नाम के माध्यम से रजिस्ट्री सर्च कर सकेंगे। अभी आयकर विभाग को सम्पदा की एक लिंक दी गई है, वे अपने स्तर पर जांच करते रहते हैं।
घर बैठे पता कर सकते हैं जानकारी
ई-स्टांप,खसरा और बिल्डर के रेरा रजिस्ट्रेशन की जांच घर बैठे कहीं भी कर सकते हैं। एमपीआईजीआर पोर्टल पर पांच तरह की लिंक को होम पेज पर ये जानकारी उपलब्ध है। इन डायरेक्ट लिंक की मदद से बिल्डर और उसकी अनुमतियों संबंधी जानकारी पता कर सकते हैं। जिस कॉलोनी में मकान लेना चाहते हैं उस बिल्डर का रेरा में रजिस्ट्रेशन है या नहीं।
वर्जन
संपदा के साफ्टवेयर अपडेशन का काम चल रहा है। रजिस्ट्री कराने वालों की जानकारी एक जगह देखी जा सकेगी। एक व्यक्ति के नाम दर्ज प्रॉपर्टी की जानकारी भी आसानी से मिल जाएगी।
स्वपनेश शर्मा , जिला पंजीयक, प्रभारी सम्पदा