ब्रह्म समागम के आह्वान पर भोपाल सहित प्रदेश के कई जिलों में सामूहिक मुंडन कराया गया। भोपाल में कार्यक्रम के बाद कई कार्यकर्ता जैत सूरजकुंड के लिए रवाना हुए। शीतलदास की बगिया में २ लोगों ने मुंडन कराया, दो लोगों ने मूछ मुंडवाई और ८ लोगों ने दाढ़ी बनवाई। ब्रह्म समागम के धर्मेंद्र शर्मा ने कहा कि आरक्षण को आर्थिक आधार पर लागू करें। पदोन्नति में भी आरक्षण जैसी व्यवस्था को खत्म करना चाहिए।
सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
समाज के लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जब-जब सवर्ण बोला है, राजसिंहासन डोला है, पदोन्नति में आरक्षण खत्म करो, हम हैं माई के लाल, जातिगत आरक्षण खत्म हो जैसे नारे लगाकर प्रदर्शन किया। पंडित चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि इस आंदोलन में कई सवर्ण संगठन हमारे साथ खड़े हैं।
हम चाहते हैं कि आरक्षण का लाभ आर्थिक आधार पर उस व्यक्ति को मिले, जिसे वाकई इसकी आवश्यकता है, चाहे वह किसी भी वर्ग का हो। जातिगत आरक्षण के कारण समाज में वर्ग संघर्ष की स्थिति बन रही है, इसलिए अब इस व्यवस्था को बदलना चाहिए। प्रदर्शन के दौरान कुछ महिलाएं भी मौजूद रहीं।
एकजुट होकर ज्योतिष विद्या को पुनर्जीवित करें
वैद्यनाथ एस्ट्रो रिसर्च सोसाइटी की ओर से शहीद भवन में दो दिवसीय ब्रह्म ज्योतिष समागम का आयोजन किया गया। पहले दिन शुभारंभ अवसर पर बड़ी संख्या में ज्योतिषियों ने भाग लिया। इसमें ज्योतिष की विभिन्न विधाओं पर मंथन किया गया और बताया गया कि किस तरह से ज्योतिष के जरिए व्यक्ति को ज्योतिषी उचित मार्गदर्शन दे सकते हैं।समागम में अनेक ज्योतिषियों ने अपने विचार रखे।
पंडित अरविंद भारद्वाज ने कहा कि ज्योतिष में जातक की कुंडली के अनुसार छोटे-छोटे दान से जीवन में आ रही कठिनाइयों से मुक्ति पाई जा सकती है। पंडित डॉ. राजेश मिश्रा ने बताया कि सोलह संस्कारों का मानव जीवन में बड़ा महत्व है। संस्कारों द्वारा मातृत्व और शिशु की सुरक्षा संभव है। वैज्ञानिक आधार पर सोलह संस्कारों के साक्ष्य प्रमाणिक हैं।
पं. चेतन शर्मा ने कहा कि आज के युग में आध्यात्म, ज्योतिष का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। एेसे में ब्राह्मणों को एकजुट होकर इस प्राच्य विद्या को पुनर्जीवित करने की जरूरत है। पं. राजेश दुबे ने कहा कि शिव से तंत्र की उत्पत्ति हुई है। शुक्ल पक्ष में मंत्र होते हैं और कृष्ण पक्ष में तंत्र होते हैं। वैज्ञानिक युग में मानसिक गति सबसे तेज होती है। इसी प्रकार अन्य ज्योतिषियों ने भी सम्मेलन में अपने विचार रखे। इस दौरान कई लोगों ने अपनी जिज्ञासाओं के बारे में भी ज्योतिषियों से सलाह ली।