दिग्विजय ने कहा है कि पल्स सहित ऐसी कई चिटफंड कंपनियां मध्यप्रदेश के ४७ लाख निवेशकों का पैसा लेकर भाग गई हैं। उन्होंने प्रदेश स्थित अपने कार्यालय भी बंद कर दिए हैं। पैसा वापसी नहीं करने पर निवेशकों ने इन कम्पनियों के खिलाफ शिकायतों की तो पुलिस ने कंपनियों के मालिक पर एक्शन न लेते हुए एजेंटों के रूप में कार्य कर रहे स्थानीय युवाओं के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया। अनेक निर्दोष एजेंटों को जेल भेज दिया गया है। जबकि पुलिस को चाहिए था कि वह कंपनियों के मालिक के खिलाफ प्रकरण दर्ज करती। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में ऐसे मामलों पर कार्रवाई करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म तैयार किया है। मध्यप्रदेश में भी ऐसा कदम उठाया जा सकता है।