आरपीएफ ने ट्वीट डिलीट करने का दबाव बनाया
दीपक ने बताया कि पोस्ट पर ले जाने के बाद आरपीएफ स्टाफ ने मुझे ट्वीट पर कार्रवाई से संतुष्ट होने का मैसेज लिखने को कहा, जब मैंने मना किया तो कहा कि ट्वीट डिलीट करो। मैंने इससे भी इंकार किया तो उन्होंने कहा कि फिर तो तुम्हारे ऊपर कार्रवाई होगी। जब मैंने कहा कि मैं लॉ स्टूडेंट हूं और मैं भी नियमों के बारे में जानता हूं तो उन्होंने मुझसे कहा कि रजिस्टर पर साइन कर दो और घर जाओ, इस रजिस्टर पर लिखा था कि मैं स्टेशन पर न्यूयेंस क्रिएट कर रहा था। वहां से निकलने के लिए मैंने साइन कर दिए, जिसके बाद उन्होंने उस पर दो लाइनें और लिख दीं। दोपहर करीब 10 बजे के बाद मुझे जिला अदालत में पेश किया, वहां से मुझे 12 हजार रुपए के मुचलके पर छोड़ दिया गया। अगले दिन मुझे रेलवे मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। आरपीएफ ने मुझ पर रेलवे एक्ट की धारा 146 और 147 के तहत मामला दर्ज किया था, जिसके एवज में मजिस्ट्रेट ने मुझे बतौर पेनाल्टी दो हजार रुपए जमा कराने को कहा। मैं यह पेनाल्टी जमा कर के वहां से छूट पाया।
आरपीएफ का दावा- दीपक ने रेलवे के कार्य में बाधा डाली
इस मामले में आरपीएफ भोपाल पोस्ट के थाना प्रभारी निहाल सिंह का कहना है कि दीपक ने रेलवे के कार्य में बाधा डाली और वह बिना टिकट प्लेटफॉर्म पर घूम रहा था। इसलिए उसके खिलाफ रेलवे एक्ट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पेश किया गया। वहीं दीपक ने जो बात बताई उससे आरपीएफ के दावे की पोल खुल गई। दीपक ने बताया कि मैं 12716, सचखंड एक्सप्रेस से 10 नवम्बर को रात 12.10 बजे भोपाल स्टेशन उतरा, चूंकि अयोध्या फैसले के मद्देनजर शहर में धारा-144 लगी थी इसलिए रात के वक्त मुझे घर जाने के लिए कोई साधन नहीं मिला, जिसके बाद मैंने अपना सामान रेलवे के क्लॉक रूम में रखा और टिकट काउंटर के पास वेटिंग एरिया में बैठा हुआ था।
नो पार्किंग एरिया में गाड़ी देखने के बाद मैंने जब आरपीएफ स्टाफ से पूछा कि क्या इस पर कार्रवाई नहीं होगी, तो उन्होंने कहा कि आपको ज्यादा परेशानी है तो वीडियो बनाकर ट्वीट कर दो। चूंकि स्टाफ मुझे पहचानता था लिहाजा मेरे ट्वीट के बाद वो मेरे पास आए और अपने साथ आरपीएफ पोस्ट ले गए।
आरपीएफ ने आखिर किस आधार पर लगाई धाराएं
दीपक का कहना है कि मेरा सामान क्लॉक रूम में रखा था, जिसकी रसीद भी मेरे पास थी। मैं प्लेटफॉर्म नहीं बल्कि स्टेशन के वेटिंग एरिया में था। तो ऐसे में रेलवे एक्ट की धारा 147 कैसे लगाई गई। रेलवे स्टेशन सीसीटीवी कैमरों से कवर है तो उसमें देखा जा सकता है कि मैंने महज शिकायत की और आरपीएफ स्टाफ के साथ उनके पोस्ट तक गया, मैंने किसी स्टाफ से कोई अभ्रद व्यवहार नहीं किया तो मुझ पर बेवजह रेलवे एक्ट की धारा 146 क्यों लगाई गई। दीपक का कहना है कि सिर्फ ट्वीट करने से आरपीएफ ने बदला लेने की भावना से यह कार्रवाई की है।