नोटबंदी के बाद मोदी सरकार के 200 रुपए के नोट का मध्यप्रदेश से खास नाता है। इस नोट पर जिस विश्व प्रसिद्ध धरोहर का चित्र छापा गया है, वह मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में है। सांची का यह स्तूप आज भारतीय करंसी की शान बढ़ा रहा है। 200 रुपए के नोट पर इसके छापने के साथ ही एक खास संयोग बन गया है। क्योंकि सांची के स्तूप की खोज के 200 साल पूरे हो गए है।
नोट दो हजार के बड़े नोट को खुल्ले कराने की परेशानी से राहत दे रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इससे पहले ही इसके खास फीचर्स जारी कर दिए थे। इसका सबसे खास फीचर बौद्ध कालीन मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में स्थित ‘सांची का स्तूप’ है। सांची स्तूप की खोज एक ब्रिटिश नागरिक ने दो सौ साल पहले की थी, तभी यह दुनिया के सामने आ पाया था। इसे संयोग ही माना जा रहा है कि इसकी खोज के 200 साल पूरे होने पर यह इसे जारी किया गया।
दुनियाभर में फेमस है यह स्तूप
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 46 किलोमीटर दूर है सांची। यह स्थान बौद्ध कालीन स्मारकों के कारण विश्व प्रसिद्ध हैं। यह स्मारक अब भारतीय करंसी पर भी नजर आता है। 200 रुपए के नोट पर इसकी तस्वीर लगाई गई है। सांची विदिशा (बेसनगर) से 10 किलोमीटर है। यह बौद्ध स्मारक तीसरी शताब्दी ई.पूर्व से बारहवीं शताब्दी के बीच के हैं।प्रेम, विश्वास और साहस का प्रतीक है स्तूप
सांची का स्तूप सम्राट अशोक ने तीसरी शताब्दी, ई.पू. में बनवाया था। इसका केंद्र, एक सामान्य अर्धगोलाकार, ईंट निर्मित ढांचा था, जो बुद्ध के कुछ अवशेषों पर बना था। इसके शिखर पर एक छत्र था जो स्मारक को दिए गए सम्मान का प्रतीक था।यह है नोट में खास फीचर्स
-नोट के आगे वाले हिस्से में अशोक स्तंभ की तस्वीर भी लगाई गई है।-भगवान बुद्ध की बौद्धिक समृद्धता वाले भारत की तस्वीर प्रस्तुत करता है।
-इस नोट पर उर्जित पटेल के हस्ताक्षर हैं।
-नोट को सामने से देखने पर न्यूमेरिक 200 लिखा दिखता है।
-देवनागरी में भी 200 लिखा हुआ है।
-नोट के ठीक बीच में महात्मा गांधी का प्रोट्रेट है।
-नोट के पिछले हिस्से में बाईं तरफ प्रिंटिंग ईयर है
-बाईं तरफ ही स्वच्छ भारत का लोगो और स्लोगन है।
-लोगो और स्लोगन के तुरंत बाद अलग-अलग लैंग्वेंज में 200 रु. लिखा है।
-इस नए नोट का साइज 60mmX146mm है।