आदिवासियों का धर्म हिन्दू लिखाने के लिए मुहिम चलाई जाए। संघ का मानना है कि पिछली जनगणना में ऐसा हुआ था इसलिए हिंदू आबादी का प्रतिशत कम हो गया था। आदिवासियों को जागरुक करने के लिए स्वयं सेवकों को उन इलाकों में अभियान चलाने की ज़िम्मेदारी दी गयी है।
बैठक में बताया गया कि ऐसी जानकारी मिल रही है कि आदिवासियों के बीच कुछ ऐसे संगठन काम कर रहे हैं जो जनगणना के समय आदिवासियों से हिंदू की जगह अन्य जाति या धर्म लिखवाना चाहते हैं। बैठक में बताया गया कि 1991 की जनगणना में हिंदुओं की संख्या 84 प्रतिशत थी जो 2011में घटकर 69 प्रतिशत हो गई। आदिवासियों खासतौर पर भील,गौंड समुदाय के अपने नाम के साथ हिंदू की जगह अन्य जाति या धर्म लिखवाने के कारण जनसंख्या में हिंदुओं के प्रतिशत में कमी आयी है। यही वजह है कि अब संघ अपना फोकस जनगणना और आदिवासियों पर रखेगा।
स्वयंसवेक जनगणना को लेकर जाएंगे घर-घर
संघ की बैठक में स्वयंसेवकों को आदिवासियों को वास्तविकता से परिचित कराने लक्ष्य दिया गया है। स्वयंसवेक अब आदिवासियों के बीच डेरा डालेंगे। उन्हें वर्तमान परिस्थितियों से रूबरू कराकर भ्रम दूर करेंगे। सीएए के साथ ही अब स्वयंसवेक जनगणना को लेकर भी घर-घर जाएंगे। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश भर में विरोध देखने को मिला है। संघ का मानना है कि लोगों के बीच भ्रम है। नेताओं के बाद अब संघ के स्वयं सेवक मैदान में उतरेंगे। लोगों के बीच जाकर जनगणना के साथ ही नागरिकता संशोधन कानून की वास्तविकता बताएंगे। संघ ने एमपी-छत्तीसगढ़ के नेताओं से सीएए को लेकर चले जनजागरण अभियान की रिपोर्ट मांगी है।