scriptसाधना शिवदासानी की पुण्यतिथि पर विशेषः हजार बरस में मिलती है ऐसी साधना | Sadhana Shivdasani latest News Photos Videos on Sadhana news in hindi | Patrika News
भोपाल

साधना शिवदासानी की पुण्यतिथि पर विशेषः हजार बरस में मिलती है ऐसी साधना

mp.patrika.com पर जाने-माने लेखक अशोक मनवानी बता रहे हैं फिल्म अभिनेत्री साधना की पुण्यतिथि के मौके पर उनसे जुड़े कुछ किस्से…।

भोपालDec 23, 2017 / 03:22 pm

Manish Gite

ashok manwani

mp.patrika.com पर जाने-माने लेखक अशोक मनवानी बता रहे हैं फिल्म अभिनेत्री साधना से जुड़े किस्से…।

mp.patrika.com पर जाने-माने लेखक अशोक मनवानी बता रहे हैं फिल्म अभिनेत्री साधना की पुण्यतिथि के मौके पर उनसे जुड़े कुछ किस्से…।

अशोक मनवानी @ भोपाल।
25 दिसंबर 2015 को मुंबई में फिल्म अदाकारा साधना शिवदासानी नहीं रहीं। मैं साधनाजी पर किताब लिखने के सिलसिले में उनसे जब भी मिला, भले कुछ क्षण मिले हों बातचीत के, हमेशा खुश और पॉजिटिव-ऊर्जा से ओत-प्रोत देखा। आम तौर पर वे परिचित, निकट रिश्तेदारों और खास प्रशंसकों से ही मिलती थीं।
मैं जब 26 दिसम्बर की सुबह सांताक्रुज के राम कृष्ण मार्ग के संगीता नामक बंगले के ग्राउंड फ्लोर बी-1 पहुँचा तब दिवंगत अभिनेत्री साधना जी के निवास पर सांताक्रुज इलाके में काफी लोग जमा हो चुके थे। साधना जी चूँकि कभी जनता के बीच नहीं आती थीं इसलिए शायद उनके दीदार को तरसते उनके प्रशंसक इस कदर बेचैन और बेताब थे। उस समय व्यवस्था देख रही फैशन डिजाइनर शाइना एन सी और लोकल पुलिस किसी तरह साधना जी को चाहने वाले लोगों के हुजूम को समझाने और उन्हें साधना जी के घर के भीतर आने से रोकने में लगे थे।
अंत तक साथ रहा ‘साधना कट’
जानी-मानी अभिनेत्री वहीदा रहमान और आशा पारेख भी गमगीन हालत में वहाँ मौजूद थीं। यहाँ से ग्यारह बजे साधना जी की आखिरी यात्रा निकली। अर्थी पर साधना जी का पार्थिव शरीर था। उनका चेहरा उसी साधना कट हेयर स्टाइल के साथ दिखाई दिया, आँखों पर चश्मा जरूर चढ़ा था। एक जिंदगी पूरी हुई। एक अलग दुनिया की यात्रा पर जाने के लिए तैयार। देश-विदेश में जिस अभिनेत्री ने हिंदी सिनेमा में लगातार अपनी विशेष उपस्थिति बनाकर करोड़ों प्रशंसक पैदा किए। लगभग दस फैशन चलाए। सिर्फ साधना कट नहीं। नौ और फैशन भी थे – आँखों में तिरछा काजल, शरारा, गरारा, टाइट और स्लीवलेस कुरता, चूड़ीदार सलवार, कानों में बड़े बाले, गले में दुपट्टा, विभिन्न किस्म के आकर्षक जूड़े और सबसे खास उनकी सौम्य मुस्कान। बताने वाले याद दिलाते हैं कि फिल्म एक मुसाफिर एक हसीना और वो कौन थी के बाद उनकी लोकप्रियता का यह आलम था कि उस समय की कॉलेज गर्ल्स ने हंसना छोड़ दिया था, बस हल्की मुस्कान लड़कियों के चेहरों पर होती थी, बिल्कुल साधना जी की तरह।

भारतीय सिनेमा का यदि वह अलग किस्म का और एक अहम दौर था तो उसकी वजह साधना जी जैसी अभिनेत्रियाँ थीं। प्रख्यात गायिका लता जी भी मानती हैं कि साधना अहिन्दी भाषी अदाकारा थीं, लेकिन उनका हिंदी उच्चारण अद्भुत था। राष्ट्रभाषा के लिए उनका प्रेम प्रशंसनीय है। लता जी के दस पसंदीदा गीतों में से चार साधना पर फिल्माए गए हैं। उस दिन साधना जी के शव वाहन के पीछे गाड़ियों की लम्बी कतार थी।
अंतिम दर्शन करने बड़ी हस्तियां भी उमड़ पड़ी थीं
एक-दो TV चैनल्स जो बता रहे थे कि बॉलीवुड की कोई बड़ी हस्ती साधना जी के अंतिम दर्शन को नहीं पहुंची, यह असत्य था। वेटेरन एक्टर संजय खान, संवाद लेखक निर्माता सलीम खान, चरित्र अभिनेता रजा मुराद, काबिल गायक उद्घोषक, अभिनेता अन्नू कपूर प्रसिद्द कोरियोग्राफर सरोज खान, अभिनेता-राजनेता शत्रुघ्न जी की पत्नी पूर्व मिस इंडिया पूनम चंदीरमानी सिन्हा, साधना जी के नजदीकी श्री सुरेश लालवानी, रमेश सिप्पी (शोले वाले नहीं) जो पहले बतौर निज सहायक भी कुछ समय काम कर चुके हैं, आने- जाने वालों से बात करते हुए सक्रिय थे। इस बीच वेटेरन एक्ट्रेस और साधना जी की खास सहेलियां वहीदा रहमान और आशा पारेख जी भी घर से दो-तीन बार बैचेनी के साथ अंदर-बाहर होती हैं। मुझे एक प्रशंसक धर्मेन्द्र पाठक भी मिले जो अहमदाबाद खास तौर पर आए थे, वे शांत और मायूस मेरे पास बैठे थे।
ओशिवारा में हुआ था अंतिम संस्कार
मुंबई एक उपनगरीय इलाके ओशिवारा (जोगेश्वरी के पास) हिन्दू मशान भूमि का बोर्ड लगा हुआ था। विश्राम घाट की बाऊन्ड्री वॉल के बाहर ही टीवी वालों ने ओबी वेन्स लगा रखी थीं। अंत्येष्टि की रस्म के लिए रिश्तदारों में साधना जी के दिवंगत पति आर के नैयर के भाई केवल नैयर, भतीजी गीता साधना जी की शिमला निवासी ननद सोनिया, साधना जी के कसिन विजय भावनानी उनके बेटे यशीष भावनानी मौजूद थे। वहीं जानी मानी उद्घोषिका तबस्सुम, करण जौहर की माँ श्रीमती हीरू जौहर लघु फिल्म निर्माता टी मनवानी आनंद, बीते दौर की अभिनेत्री शम्मी, दीप्ति नवल आदि मौजूद थे।
विदाई के क्षण पर थी सभी की आंखें नम
पंडित जी मन्त्र आदि पढ़े। आधा घंटे के बाद अपने दौर की इस विलक्षण अभिनेत्री का पार्थिव शरीर विद्युत शव दाह कक्ष में ले जाया जाता है। सभी मौजूद लोगों की आँखों से आसुंओं की धारा बह निकलती है। बाद में साधना जी के बंगले पर फिर से हेलेन जी और सारिका और अन्य कई अभिनेत्रियों का आना- जाना लगा रहता है। मैं नम आंखों से लौटता हूं। साधना जी के दौर को याद करते हुए। सच ऐसी अभिनेत्रियां हजार बरस में आती हैं दुनिया में। दोहरी भूमिकाएं, रहस्यमय भूमिकाएं और एक ट्रेंड सेटर अभिनेत्री के तौर पर कितनों ने पहचान बनाई, और किसी ने नहीं।
(ashokmanwani22@gmail.com)
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो