scriptजानिये अब कब होगी संविदा शिक्षकों की भर्ती ! ये नया प्रस्ताव हुआ पारित | samvida shikshak bharti latest news in hindi 08May2018 | Patrika News
भोपाल

जानिये अब कब होगी संविदा शिक्षकों की भर्ती ! ये नया प्रस्ताव हुआ पारित

जानिये अब कब होगी संविदा शिक्षकों की भर्ती ! ये नया प्रस्ताव हुआ पारित…

भोपालMay 08, 2018 / 04:11 pm

दीपेश तिवारी

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भोपाल। संविदा शिक्षक भर्ती को लेकर लंबे समय से बनी हुई आशंका अब दूर होती नजर आ रही है। इसके चलते मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में भी एक बड़ा फैसला लिए जाने के बाद संविदा शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रहे युवाओं में नई आशा की किरण जागी है।
दरअसल मप्र संविदा शाला शिक्षक भर्ती परीक्षा के इंतजार में जहां हजारों डीएड-बीएड प्रशिक्षित युवा ओवर एज हो गए। वहीं सूत्रों का कहना है कि अब इसकी तैयारियां कुछ इस तरह शुरू की गईं हैं कि जून से अगस्त 2018 के बीच परीक्षाएं होंगी और इसका परिणाम भी चुनाव के आसपास आएगा।
पूर्व में अफसरों का कहना था कि पहला ड्राफ्ट प्रकाशन के लिए भेज दिया गया है। इसके प्रकाशन के बाद करीब एक महीना इस पर सुनवाई होगी। उसके बाद अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में दो-तीन महीने लगेंगे। ऐसे में अंदेशा था कि अगले फरवरी में भर्ती की अधिसूचना जारी हो जाएगी।
कैबिनेट में ये प्रस्ताव हुआ पारित:
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार यानि 8 मई को हुई अहम कैबिनेट बैठक में संविदा नियुक्ति के नियमों में बदलाव को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है।
भले ही इसके तहत नियमित ओर पद्दोन्नति के 1 साल तक रिक्त रहने वाले पदों पर रिटायर्ड शासकीय सेवकों को बिना, विज्ञापन, बिना पैड संविदा घोषित किए संविदा नियुक्ति मिलेगी।


वहीं कैबिनेट बैठक में सिविल पदों पर संविदा नियुक्ति नियम 2017 में बदलाव के लिए ये प्रस्ताव लाया गया था। नए संशोधन में ये स्पष्ट है कि, सीधे उन्ही लोगों की संविदा नियुक्ति होगी जो प्रदेश सरकार से सेवा निवृत्त हुए हों। लेकिन संविदा को लेकर सामने आए इन निर्णयों ने एक बार फिर संविदा शिक्षक की तैयारी कर रहे लोगों में आशा की किरण जगा दी है।
वहीं कुछ जानकार भी मान रहे हैं ये पूरी स्थिति कहीं न कहीं चुनावों से पहले संविदा शिक्षकों की भर्ती परीक्षा कराने में मददगार सिद्ध होगी।

इसके अलावा इस बैठक में प्रदेश के कर्मचारियों-अधिकारियों, पेंशनरों अध्यापकों और पंचायत सचिवों के डीए में बढ़ोत्तरी की गई है, इसके साथ ही कई और महत्वपूर्ण प्रस्तावों को भी पास कर दिया गया है।

संविदा शिक्षकों की भी जागी उम्मीद :
वहीं इस अवसर पर संविदा नियुक्ति के नियमों में बदलाव को कैबिनेट की मंजूरी मिल जाने से संविदा शिक्षकों की भर्ती का इंतजार कर रहे युवाओं में भी एक बार फिर बड़ी उम्मीद जागी है।
दरअसल लंबे समय से संविदा नियुक्तियों को लेकर चर्चा का दौर चल रहा है, लेकिन इसके बावजूद संविदा शिक्षकों की भर्ती नहीं किए जाने से इसकी तैयारी कर रहे लोगों में सरकार के प्रति नाराजगी थी। इस प्रस्ताव के पास होने से इन लोगों के मन में भी नई उम्मीद जागी है।
जबकि इससे पहले पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने आखिरी बार वर्ष 2011 में संविदा शिक्षकों की भर्ती की थी। तब करीब 40 हजार पद भरे गए थे।

वहीं नियम के अनुसार भर्ती हर तीन साल में होनी थी, इस संबंध में भाजपा की ओर से चुनावी वादा भी किया गया था कि वो हर साल भर्ती करवाएंगे। लेकिन बार-बार मांग उठने के बावजूद सरकार ने 2011 के बाद भर्ती नहीं की। इस बीच कई डीएड-बीएड प्रशिक्षित युवा ओवर एज हो गए।
वहीं विपक्ष के कुछ लोगों के अनुसार संविदा शिक्षक अब पूरी तरह से चुनावी आयोजन हो गया।

वहीं कुछ विपक्ष के नेता पूर्व से ही ये आरोप लगाते रहे हैं कि 2011 में परीक्षा कराने के बाद 2013 का चुनाव अगले साल परीक्षा कराने के वादे पर ही जीत लिया गया और फिर 2017 तक कोई परीक्षा आयोजित नहीं की गई। अब चुनाव नजदीक आते ही पुन: परीक्षा की तैयारियां शुरू की जा सकतीं हैं।

बजट भाषण में की थी घोषणा
दरअसल इस साल वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की थी। उस समय सरकार ने भर्ती का समय नहीं बताया। माना जा रहा था कि वित्त मंत्रालय पदों में कटौती चाहता है। इसके बाद मामला लंबे समय तक इसी में उलझा रहा।
फिर अतिथि शिक्षकों की भर्ती और फिर मिडिल के शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण शुरू हो गया। साथ ही अतिथि शिक्षकों को आयु सीमा में छूट का फैसला भी ले लिया।

सत्र 2019-20 से मिलेंगे शिक्षक !
सूत्रों के अनुसार पंचायत एवं ग्रामीण विभाग यदि जून से अगस्त 2018 के बीच में भी अधिसूचना जारी करता है और पीईबी जल्द से जल्द पात्रता परीक्षा भी कराता है। तो भी तीनों परीक्षाओं का रिजल्ट तैयार करने में तीन से पांच माह का वक्त लगेगा। उसके बाद मेरिट के आधार पर काउंसलिंग होगी। वहीं नवंबर-2018 में विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में स्कूलों को नए शिक्षक 2019-20 के सत्र से ही मिल सकेंगे।
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