इसका लाभ प्रदेश के पौने दो लाख से अधिक कर्मचारियों को मिलेगा। इसके लिए मत्रिमंडलीय समिति गठित कर दी गई है। सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह की अध्यक्षता वाली यह समिति तीन माह में सरकार को रिपोर्ट देगी।
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समिति में मंत्री ओंकार ङ्क्षसह मरकाम, प्रभुराम चौधरी और तरुण भनोट हैं। सामान्य प्रशासन विभाग के एसीएस इसके संयोजक और वित्त सचिव सदस्य बनाए गए हैं।
चुनाव के पहले किया था वादा…
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के पहले इनसे नियमित किए जाने का वादा किया था। प्रदेश में संविदा कर्मियों की संख्या एक लाख है। स्वास्थ्य, शिक्षा मिशन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, वन विभाग सहित अन्य महकमों में ये पदस्थ हैं। सभी पंचायतों में रोजगार सहायक नियुक्त हैं।
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ज्यादातर स्कूलों में अतिथि शिक्षक पदस्थ हैं। रोजगार सहायक और अतिथि शिक्षकों की संख्या करीब 88 हजार है।
सरकार को सता रही खजाने की चिंता..
खजाने की खराब माली हालत को देखते हुए सरकार इस फॉर्मूला पर भी विचार कर रही है कि इन्हें नियमित करने में वित्तीय भार न आए। समिति को विशेष तौर से हिदायत दी गई है कि प्रयास हो कि नियमित किए जाने में वित्तीय भार न आए। इसके लिए समिति संबंधित संगठनों से चर्चा भी करेगी।
कांग्रेस का फोकस लोकसभा चुनाव पर है। इसके लिए विभिन्न वर्गों को साधने की तैयारी है। किसानों और युवाओं के बाद अब कर्मचारियों पर ध्यान केन्द्रित किया है। इसलिए समिति को तीन माह का समय दिया है। इस दौरान लोकसभा चुनाव निपट जाएंगे। कांग्रेस को इसका राजनीतिक लाभ मिल सकता है।
संविदा कर्मचारी : 15-20 हजार : 25-40 हजार
अतिथि शिक्षक : 12-15 हजार : 25-35 हजार
रोजगार सहायक : 7,500 : 20-22 हजार
– डॉ. गोविंद सिंह, सामान्य प्रशासन मंत्री
– रमेश राठौर, प्रदेश अध्यक्ष, संविदा अधिकारी-कर्मचारी महासंघ
कांग्रेस सरकार को वादा याद दिलाया था। इसी के तहत नियमित की प्रक्रिया शुरू हुई है। दो लाख कर्मियों को लाभ होगा।
– वीरेंद्र खोंगल, कर्मचारी कांग्रेस