शेष 24 ठेकेदारों ने अभी तक न तो अमानत राशि जमा की है और न ही समय सीमा बढ़ाने के लिए आवेदन किया है। जबकि अमानत राशि को जमा करने में अब सिर्फ एक दिन बचा है। हालांकि ठेकेदारों के विशेष आग्रह पर अमानत राशि जमा करने के लिए 10 दिन का और समय दिया जा सकता है।
फायदा होता नजर नहीं आ रहा है
सूत्रों का कहना है कि दो-तीन जिलों के रेत ठेकेदार सरकार को खदान वापस कर सकते हैं। कारण कि इन्होंने प्रतिस्पद्र्धा में ऊंची बोली लगाकर ठेका तो ले लिया, लेकिन अब उन्हें इसमें फायदा होता नजर नहीं आ रहा है। उल्लेखनीय है कि खनिज विभाग ने डेढ़ माह पहले जिला स्तर पर 43 क्लस्टर बनाकर 1234 करोड़ रुपए की खदानें नीलाम की थी। टेंडर की प्रक्रिया 7 दिसम्बर 2019 को पूरी हुई थी।
विभाग ने 15 दिन पहले 37 क्लस्टरों का ठेका हासिल करने वाले ठेकेदारों को ऑफर लेटर देने की तैयारी की है। जबकि पन्ना सहित कई खदानों का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। उल्लेखनीय है कि इन खदानों से सरकार को हर साल 550 करोड़ रुपए राजस्व मिलने की उम्मीद है। विभाग सीधी, सिंगरौली और छिंदवाड़ा जिले की खदानें लेने वाले ठेकेदारों को बाद में ऑफर लेटर जारी होगा, क्योंकि इन जिलों के टेंडर की जांच चल रही है।
इधर, दो जिलों में फिर नहीं आया कोई ठेकेदार
उज्जैन और आगर मालवा जिले की रेत खदाने लेने के लिए दूसरी बार में भी कोई ठेकेदार बोली लगाने नहीं आया है। पहले चरण की बोली में भी किसी ठेकेदार ने बोली नहीं लगाई थी। खनिज साधन विभाग अब तीसरी बार इन जिलों की खदानों की बोली लगाने की तैयारी कर रहा है।
36 ठेकेदारों को जमा करना होगा 600 करोड़
खनिज विभाग ने 36 जिलों के सफल बोलीकार ठेकेदारों को प्रतिभूति की बकाया राशि के रुप में 600 करोड़ रूपए जमा करना होगा। उन्हें सफल बोलीकर को एक-दो दिन में पत्र जारी किया जाएगा। पत्र जारी होने के बाद उन्हें बोली की ५० फीसदी यह राशि जमा करने के लिए विभाग उन्हें 15 दिन का समय देगी। तय समय में राशि जमा नहीं करने पर बोली निरस्त कर उनकी प्रारंभिक राशि जब्त कर ली जाएगी।