इस दौरान भोपाल जिले की 187 ग्राम पंचायतों में अनिवार्य कर एवं वैकल्पिक कर वसूल किए जाने हेतु प्रशिक्षण दिया गया साथ ही कार्य योजना भी तैयार की गई। कार्य योजना अनुसार ग्राम सभाओं के माध्यम से संकल्प लिया जाकर प्रस्ताव पारित किया जाएगा कि कलस्टर स्तर पर एडीओ पीसीओ नोडल अधिकारी के माध्यम से कलस्टर स्तरीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण उपरांत ग्राम पंचायतों का सर्वे कार्य किया जाएगा। सर्वे के आधार पर ग्राम पंचायत वार डाटा संकलित कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। ग्राम पंचायतों में करारोपण के लिए वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाएगा एवं स्वच्छता कर, संपत्ति कर, जलकर एवं अन्य प्रकार के करों की वसूली की कार्यवाही की जायेगी।
पंचायतों में इस प्रकार के कर लेने से हर पंचायत के पास अपना फंड होगा। जिससे वह अपनी सड़क, पानी व अन्य जरूरतों को पूरा कर सकेंगी। सीईओ ने बताया कि अभी हर काम के लिए उन्हें कार्यालय पर निर्भर रहना पड़ता है। जब से सिस्टम पूरी तरह से काम करने लगेगा तो पंचायत अपने स्तर पर अपना काम करा सकेंगी। ये अपने आप में एक अलग प्रकार का प्रयास भी है। जिस प्रकार नगर निगम सीमा में अलग-अलग कर लिए जाते हैं उसी प्रकार पंचायतों में ये शुरू हो गया है। अगर गांव में लोगों को घरों तक पानी मिलेगा तो वे आराम से जलकर भी देंगे। अभी पंचायतों में ये कर नहीं लिए जाते।