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भोपाल

पंचायतों में स्वच्छता, संपत्ति, जलकर लिए जाएंगे, इन्हीं रुपयों से होगा विकास

– कलेक्टर गाइडलाइन से होगी सम्पत्ति कर की वसूली, जलदर, स्वच्छता का खुद पंचायत करेंगी तय
– व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से शुरूआत, दुकान, होटल, गोदाम, चक्कियां, फैक्ट्री ज्यादा हैं पंचायतों में

भोपालOct 10, 2021 / 10:07 pm

प्रवेंद्र तोमर

पंचायतों में स्वच्छता, संपत्ति, जलकर लिए जाएंगे, इन्हीं रुपयों से होगा विकास

पंचायतों में स्वच्छता, संपत्ति, जलकर लिए जाएंगे, इन्हीं रुपयों से होगा विकास

पंचायतों में विकास के लिए तीन स्तर पर कर वसूली के बाद इसी रुपयों से गांव का विकास होगा। राजधानी की 187 पंचायतों में इसकी शुरूआत हो गई है। सम्पत्तिकर के लिए कलेक्टर गाइडलाइन में मौजूदा दरों से कर लगाया जाएगा। पहले व्यावसायिक प्रतिष्ठान जैसे दुकान, होटल, गोदाम, चक्कियां, पानी व अन्य उत्पादन की फैक्ट्री से कर लिया जाएगा। इसके बाद आवासीय से शुरू होगा। इसी प्रकार स्वच्छता और जलकर का फैसला पंचायतों को ही तय करना है। इस संबंध में रविवार को जिला पंचायत सभागार में कराधान के संबंध में एक बैठक की गई। जिला पंचायत सीईओ विकास मिश्रा ने कहा कि पहले जिले की सभी 187 पंचायतों का सर्वे किया जाएगा। इसमें कितने व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं, उनसे कर लिया जाना उसकी तैयारी की जाए। ये सिस्टम एक अक्टूबर से पंचायतों में लागू कर दिया है। टीमों को कर के लिए लगातार ट्रेनिंग दी जा रही है।

इस दौरान भोपाल जिले की 187 ग्राम पंचायतों में अनिवार्य कर एवं वैकल्पिक कर वसूल किए जाने हेतु प्रशिक्षण दिया गया साथ ही कार्य योजना भी तैयार की गई। कार्य योजना अनुसार ग्राम सभाओं के माध्यम से संकल्प लिया जाकर प्रस्ताव पारित किया जाएगा कि कलस्टर स्तर पर एडीओ पीसीओ नोडल अधिकारी के माध्यम से कलस्टर स्तरीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण उपरांत ग्राम पंचायतों का सर्वे कार्य किया जाएगा। सर्वे के आधार पर ग्राम पंचायत वार डाटा संकलित कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। ग्राम पंचायतों में करारोपण के लिए वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाएगा एवं स्वच्छता कर, संपत्ति कर, जलकर एवं अन्य प्रकार के करों की वसूली की कार्यवाही की जायेगी।

पंचायतों में इस प्रकार के कर लेने से हर पंचायत के पास अपना फंड होगा। जिससे वह अपनी सड़क, पानी व अन्य जरूरतों को पूरा कर सकेंगी। सीईओ ने बताया कि अभी हर काम के लिए उन्हें कार्यालय पर निर्भर रहना पड़ता है। जब से सिस्टम पूरी तरह से काम करने लगेगा तो पंचायत अपने स्तर पर अपना काम करा सकेंगी। ये अपने आप में एक अलग प्रकार का प्रयास भी है। जिस प्रकार नगर निगम सीमा में अलग-अलग कर लिए जाते हैं उसी प्रकार पंचायतों में ये शुरू हो गया है। अगर गांव में लोगों को घरों तक पानी मिलेगा तो वे आराम से जलकर भी देंगे। अभी पंचायतों में ये कर नहीं लिए जाते।

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