भोपाल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-1 के पास बने लोको लॉबी में बीते दिनों आधा दर्जन लोको पायलटों को अचानक ही आफिस आने से मना कर दिया गया। सूत्रों ने बताया कि कुछ दिनों पहले कॉशन आर्डर लेने से पहले लोको पायलटों ने बीएटी टेस्ट दिया। पहले उन्होंने हाथों को सैनिटाइज किया, फिर ब्रीथ एनालाइजर टेस्ट दिया। इस दौरान एल्कोहल की बदबू के चलते अलार्म बज उठा। अन्य स्टाफ की टेस्टिंग की गई वो भी एल्कोहल के प्रभाव में पाए गए, जिसे आमतौर पर शराबी मान लिया जाता है। ऐसे में तत्काल उन्हें रेलवे अस्पताल भेजा गया। वहां उनका ब्लड सैंपल लिया गया। रिपोर्ट आने के बाद उन्हें आफिस आने को कहा गया।
दरअसल, ब्रीथ एनालाइजर टेस्ट शराब की जांच के लिए होता है। किसी भी लोको पायलट को इंजन सौंपने से पहले बीएटी टेस्ट करते हैं। इसमें उसके शराब पीने का पता चल जाता है। यदि शराब पीना पाया जाता है तो उन्हें घर भेज दिया जाता है। ऐसा ही मामला भोपाल लॉबी में आया था। जिनकी पहली रिपोर्ट आते ही 10 दिन की छुट्टी पर भेज दिया गया है।
सैनिटाइजर की वजह से बजा अलार्म
बीएटी के तीन दिन बाद आई मेडिकल रिपोर्ट में पता चला कि कर्मचारियों ने शराब नहीं पी थी। यदि 7-10 एमएल भी एल्कोहल का इस्तेमाल हुआ है, तो मशीन पता लगा लेती है। लॉबी के अधिकारियों ने आला अफसरों को जानकारी दी कि स्टाफ शराब पीकर ड्यूटी पर नहीं आए थे। सैनिटाइजर की वजह से रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई थी। ब्लड सैंपल की रिपोर्ट के बाद कर्मचारियों को ड्यूटी पर आने के लिए कहा गया है।
मशीन खराब थी
जिन लोको पायलटों के ब्लड में शराब के सैंपल नहीं मिले हैं, उन्हें ड्यूटी पर आने के आदेश दिए गए हैं। सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने के 10 मिनट के बाद बीएटी कराने के निर्देश भी दिए हैं। सीनियर लोको पायलटों ने बताया कि भुसावल डिवीजन में बीएटी के दौरान महिला लोको पायलट की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई थी। बाद में पता चला कि मशीन ही खराब थी। सीनियर डीईई (टीआरओ) संजय तिवारी ने बताया कि ब्लड में अल्कोहल नहीं पाया गया। इससे प्रतीत हुआ कि सैनिटाइजर के एल्कोहल की बदबू से अलार्म बजा था। कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि बीएटी का इस्तेमाल करने से 10 मिनट पहले हाथों को सैनिटाइज किया जाए।