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भोपाल

शहर में नहीं बढ़ पा रहे संजीवनी क्लीनिक, न स्टाफ मिल रहा न बिल्डिंग

अभी तक सिर्फ तीन ही खुल पाए राजधानी में, शहरी क्षेत्रों में अब निजी भवनों और किराए की बिल्डिंग में भी खुल सकेंगे क्लीनिक…

भोपालFeb 17, 2020 / 09:51 am

सुनील मिश्रा

sanjeevani_clinic

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भोपाल। शहरी क्षेत्रों की बस्तियों के लोगों को उनके घर के पास ही स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश के 9 शहरों में शुरू किए जा रहे संजीवनी क्लीनिक स्टाफ और भवन न मिलने के कारण शुरू नहीं हो पा रहे हैं।
इस साल मार्च तक कुल 88 संजीवनी क्लीनिक खोले जाने थे लेकिन स्टाफ न मिलने और भवन की उपलब्धता न होने की वजह से ये शुरू नहीं हो पाये हैं। भोपाल में भी अब तक सिर्फ 3 क्लीनिक ही शुरू हो पाए हैं। जबकि मार्च 2020 तक भोपाल में 28 क्लीनिक खुलना थे।
वेतन कम होने से नहीं मिल रहा मेडिकल स्टाफ

शासन द्वारा बनाए गए नियमों के तहत संजीवनी क्लीनिक में एमबीबीएस डॉक्टर को 25 हजार रूपये के वेतन पर नियुक्ति दी जा रही है। इसमें डॉक्टर को रोजाना 25 मरीज से ज्यादा देखने पर 40 रूपये प्रति पेशेंट इन्सेंटिव दिया जाएगा। लेकिन अधिकतम इन्सेंटिव 75 हजार से ज्यादा नहीं होगा। संजीवनी क्लीनिक में स्टाफ नर्स को 20 हजार रुपए प्रतिमाह और लैब टेक्नीशियन को 15 हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे।
फार्मासिस्ट को 15 हजार रुपए प्रतिमाह और मल्टी टास्क वर्कर को 10 हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे। एनएचएम से इंटरव्यू के जरिए होने वाली एमबीबीएस डॉक्टरों की नियुक्ति में 60 हजार रूपये से लेकर 80 हजार रूपये तक सैलरी दी जाती है।
वहीं स्टाफ नर्स को सरकारी अस्पतालों, सीएचसी, पीएचसी में वेतन मिलता है। इसी प्रकार फार्मासिस्ट और मल्टी टास्क वर्कर को भी कम वेतन दिया जा रहा है। इस वजह से संजीवनी के लिए डॉक्टर और स्टाफ नहीं मिल पा रहा है।
निगम भी नहीं दे पा रहा जगह
प्रदेश के 6 शहरों में नगर निगम के भवनों में संजीवनी क्लीनिक खोलने का काम शुरू किया गया था। दिसंबर में इंदौर, भोपाल में कार्यक्रम का आयोजन कर इन क्लीनिक की शुरूआत की गई थी। लेकिन निगम के अधिकारी क्लीनिक खोलने के लिए भवन मुहैया नहीं करा पा रहे हैं।
कई जगहों पर जो सामुदायिक भवन और निगम की बिल्डिंग स्वास्थ्य विभाग ने चिन्हित कीं उन पर स्थानीय दबंगों का कब्जा है। भोपाल के प्रियदर्शिनी नगर के पहले संजीवनी क्लीनिक को जिस भवन में शुरू किया गया वहां पहले एक ठेकेदार का कब्जा था। जिसे स्थानीय पार्षद ने बमुश्किल मुक्त कराकर क्लीनिक शुरू कराया था।
अब किराए के भवनों में भी खुलेंगे क्लीनिक

स्टाफ की कमी और भवन न मिलने की वजह से भोपाल में अब तक सिर्फ 3 क्लीनिक ही शुरू हुए हैं। एनएचएम ने इस समस्या से निपटने के लिए अब निजी भवनों को किराये पर लेकर उनमें संजीवनी क्लीनिक खोलने का निर्णय लिया है। 10 हजार रूपये बतौर किराये के लिए विभाग से दिये जाएंगे।
अभी यह स्थिति

शहर : मार्च तक खुलने हैं : खुले

भोपाल : 28 : 3

इंदौर : 29 : 2

जबलपुर : 10 : 1

उज्जैन : 6 : 0
सागर : 5 : 1

ग्वालियर : 6 : 1

रीवा : 4 : 1

कुल : 88 : 9


जहां पर भवन मिलते जा रहे हैं वहां संजीवनी क्लीनिक शुरू किए जा रहे हैं। निगम के भवन नहीं मिल पाने की वजह से भी क्लीनिक नहीं खुल पाए हैं। अब यह तय किया गया है कि निजी भवन किराए पर लेकर क्लीनिक शुरू किए जाएंगे।
– डॉ. पंकज शुक्ला, उप संचालक एनएचएम

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