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बड़ी खबर: मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को भेजा नोटिस, सीने पर जाति लिखने पर मांगा जवाब

नोटिस में कहा गया है कि पुलिस आरक्षकों की भर्ती के दौरान उनकी जाति छाती पर लिखे जाने के मामले में पूरी रिपोर्ट और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

भोपालMay 01, 2018 / 06:24 pm

rishi upadhyay

mp politics

भोपाल। धार में पुलिस आरक्षक भर्ती के दौरान अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों के सीने पर मुहर लगाने के मामले में अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मध्यप्रदेश सरकार को नोटिस भेजा है। मंगलवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा प्रदेश सरकार को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि धार जिला अस्पताल में पुलिस आरक्षकों की भर्ती के दौरान उनकी जाति, अभ्यर्थियों की छाती पर लिखे जाने के मामले में पूरी रिपोर्ट तैयार करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

 

धार में आरक्षकों की भर्ती के दौरान उनकी छाती पर जाति लिखे जाने के बारे में मीडिया में लगातार खबरें प्रकाशित हो रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा स्वत: संज्ञान लिया गया है। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग द्वारा मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव और मध्यप्रदेश पुलिस के डीजी को भेजे गए नोटिस में पूरी रिपोर्ट तैयार करने और संबंधित दोषी अधिकारियों के खिलाफ चार हफ्ते में कार्रवाई करने की सिफारिश की है।

 

मामले में संबंधित अधिकारियों का कहना था कि उन्होंने किसी भी तरह की कंफ्यूज़न से बचने के लिए अभ्यर्तियों के सीने पर उनकी जाति लिखी थी, हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का भी जिक्र किया गया था कि सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के सीने पर किसी भी तरह की लेबलिंग नहीं की गई थी। मानवाधिकार आयोग ने 30 अप्रैल 2018 की मीडिया रिपोर्ट्स को आधार बनाकर ये नोटिस जारी किया है। मानवाधिकार आयोग का कहना है कि इस तरह की घटनाएं सभ्य समाज में बिल्कुल भी मंजूर नहीं की जा सकतीं। समानता और सम्मान प्रत्येक नागरिक है, इसलिए इस मामले पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

 

मध्यप्रदेश के गृहमंत्री दे चुके हैं मामले की जांच के आदेश
हालांकि इस मामले में मप्र के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने सोमवार को ट्वीट कर लिखा था कि धार में आरक्षकों की भर्ती मामले में जांच के बाद दोषी पाए गए जिला पुलिस बल के निरीक्षक नानूराम वर्मा और एसएएफ दल के उप निरीक्षक नानूराम मोवेल को तत्काल निलंबित कर दिया गया है, दोषी चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कलेक्टर को निर्देशित किया गया है। इसके अलावा उन्होंने पूरी मामले की जांच जल्द ही पूरे होने के भी संकेत दिए थे।

 

राहुल गांधी ने भी इसी मुद्दे पर सरकार को घेरा
सोमवार को राहुल गांधी ने भी सीने पर एससी-एसटी लिखने को संविधान पर हमला बताया था। ट्विटर पर राहुल गांधी ने लिखा था कि भाजपा सरकार के जातिवादी रवैये ने देश की छाती पर छुरा मारा है। मध्यप्रदेश में युवाओं के सीने पर एससी-एसटी लिखकर देश के संविधान पर हमला किया है। ये भाजपा और आरएसएस की सोच है। यही सोच कभी दलितों के गले में हांडी टंगवाती थी, शरीर में झाडू बंधवाती थी, मंदिर में घुसने नहीं देती थी। हम इस सोच को हराएंगे.

 

यह था मामला
मध्य प्रदेश पुलिस में आरक्षक के पद पर भर्ती के दौरान धार के जिला अस्पताल में चयन के लिए अभ्यर्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा था। इसी दौरान अभ्यर्थियों की पहचान के लिए उनके सीने पर उनका वर्ग लिख दिया गया। तस्वीरों में सामने आया कि एससी-एसटी वर्ग वाले अभ्यर्थियों के सीने पर उनका वर्ग लिखा हुआ था। इस बारे में जब मीडिया में खबरें आईं तो संबंधित अधिकारियों का कहना था कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की ऊंचाई नापने में किसी प्रकार की गफलत पैदा न हो।

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