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भोपाल

EOW ने 19 प्रोफेसर का रेकार्ड जब्त किया, 800 अध्ययन केंद्रों की होगी जांच

पत्रकारिता विश्वविद्यालय: शराब के बिल पास करने वालों पर भी कसेगी नकेल

भोपालMay 15, 2019 / 09:42 am

KRISHNAKANT SHUKLA

EOW ने 19 प्रोफेसर का रेकार्ड जब्त किया, 800 अध्ययन केंद्रों की होगी जांच

EOW ने 19 प्रोफेसर का रेकार्ड जब्त किया, 800 अध्ययन केंद्रों की होगी जांच

भोपाल. आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (EOW) ने मंगलवार को माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विवि के 19 प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और रीडर को समन जारी कर सभी के बायोडाटा और अकादमिक रेकॉर्ड जब्त कर लिया है। कुल 22 टीचिंग फैकल्टी जांच के दायरे में हैं। तीन का रेकॉर्ड अभी आना बाकी है।

अकादमिक रेकॉर्ड और अन्य दस्तावेजों के आधार पर EOW ने जांच शुरू कर दी है। जिनका रेकॉर्ड जब्त किया हैं, उनकी छानबीन शुरू कर दी और जांच में सभी की परफॉर्मेंस रिपोर्ट को भी शामिल कर लिया गया है। विवि के तत्कालीन कुलपति प्रो बीके कुठियाला के कार्यकाल में 800 से ज्यादा अध्ययन केंद्रों को दी गई मंजूरी को भी EOW ने जांच के दायरे में ले लिया है।

EOW को मिली जानकारी के अनुसार अध्ययन केंद्रों खोलने में भी कुठियाला के कार्यकाल में जमकर बंदरबांट हुआ। अधिकतर अध्ययन केंद्र आरएसएस और भाजपा समर्थकों को आवंटित किया गया है। अब EOW ने इन केंद्रों के आवंटन व मंजूरी में नियमों का पालन किया गया है या नहीं और इनके आवंटन में कितने रुपए की आर्थिक धांधली की गई है, इसे भी जांच में लिया गया है।

किन नियमों के तहत खोले अध्ययन केंद्र

EOW को अब तक मिले दस्तावेजों में सामने आया है कि कुठियाला के कार्यकाल में जितने भी अध्ययन केंद्रों को मंजूरी दी गई थी, उनमें विवि के नियम, रुपरेखा, दिशा-निर्देशों को अनदेखा किया गया है। वहीं, यूजीसी से मिलने वाले अनुदान से कुठियाला ने अन्य संस्थाओं को सेमिनार, वर्कशॉप, सिम्पोजियम आदि के लिए किन नियमों के तहत पैसे दिए इसकी भी जांच शुरू कर दी।


आशंका जताई जा रही है कि विवि के खाते से अन्य संस्थाओं को कार्यक्रमों के माध्यम से पैसा जारी करने में कुठियाला की भूमिका संदिग्ध रही है। यह पैसा वापस किसी माध्यम से कुठियाला या उनके परिजनों को तो नहीं मिला इसकी भी जांच की जाएगी। अन्य संस्थाओं को यह पैसा देने के लिए शासन अथवा विवि की महासभा से अनुमोदन लिया गया था या नहीं इसकी भी जांच की जा रही है।

इन बिंदुओं पर शुरू की जांच

– कुठियाला के कार्यकाल में उनके द्वारा किए गए टूर और उस पर खर्च की गई राशि। टूर बिल किसने पास किए। किसकी अनुमति से टूर किए गए। टूर से विवि को क्या लाभ हुआ।

– लिकर कैबिनेट बनाने और कुठियाला द्वारा विवि के पैसों से शराब पीने के बिल पास किसने किए? किसकी अनुमति से लिकर कैबिनेट तैयार करवाया गया? क्या विवि के पैसों से शराब पी जा सकती है?

– कुठियाला ने विवि के पैसों से लैपटॉप और आई-फोन खरीदा था। लेकिन कार्यकाल पूरा होने के बाद विवि में जमा नहीं किए। इसके बदले में इनका मूल्य हृास करके कीमत जमा की गई है। इसके लिए नियमों का पालन किया गया और क्या ऐसा किया जा सकता था? यदि किया जाना सही हैं तो जमा की गई कीमत सही है या नहीं?

– कुठियाला ने विवि के पैसों से अपने निजी घर में ट्यूबवेल खुदवाया था, इसकी अनुमति किसने दी और कैसे यह किया गया? क्या यह किया जा सकता है?

– कुठियाला के कार्यकाल में कुल कितने पैसों की आर्थिक हानि विवि को हुई है? यदि फैकल्टी अयोग्य थी तो इन्हें कुल कितना वेतन दिया गया है?

पत्रकारिता विवि के दस्तावेजों के आधार पर हमने छानबीन शुरू कर दी है। हर बिंदु की गहराई से जांच की जा रही है। 19 फैकल्टी का अकादमिक एवं परफॉर्मेंस रेकॉर्ड मिल गया है। अब हम इसमें तेजी से जांच कर कार्रवाई करेंगे। – केएन तिवारी, डीजी, EOW

e tender scam : सातों आरोपी कंपनियों को थमाया नोटिस

भोपाल e tender scam घोटाले में EOW ने अब तक अलग-अलग 60 सरकारी और गैर सरकारी लोगों से पूछताछ कर बयान दर्ज किए हैं। वहीं, इस मामले में मुख्य रूप से नामजद आरोपी सातों कंपनियों के संचालकों को भी नोटिस थमाकर बयान के लिए बुलाया गया है।

इनमें से एक कंपनी ने तो कोर्ट से ट्रांजिट बेल ले ली है। इंदौर, भोपाल, जबलपुर, बैंगलुरू और दिल्ली के कई लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। सभी से मिली जानकारी के आधार पर जब्त डाटा भारत सरकार की सर्वर एफिसिएंसी रेटिंग टूल (सर्ट) से जांच के लिए भेजा गया है।

जांच रिपोर्ट आने के बाद सभी डाटा का क्रॉस विश्लेषण किया जाएगा। वहीं इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के कुछ अधिकारियों सहित कुछ लोगों को सरकारी गवाह भी बनाने की तैयारी में है। इधर, ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन कंपनी, एनके ब्रह्मे और एंटारस सिस्टम्स प्रालि कंपनी के गिरफ्तार पदाधिकारियों का चालान पेश करने की भी तैयारी की जा रही है।

कोर्ट में किसी तरह से ईओडब्ल्यू का पक्ष कमजोर न हो इसलिए चालान एवं केस डायरी में सर्ट की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। यह रिपोर्ट दस्तावेज साक्ष्य के रूप में अहम भूमिका निभाएगी।

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