भोपाल के 10वीं कक्षा के छात्र आयुष किशोर के इस काम की सभी ने सराहना की है। आयुष स्कॉलरशिप की यह राशि 15 अगस्त को सरकार को सौंपेंगे।
कौन हैं 14 कैदी
इन 14 कैदियों में से 12 इंदौर के हैं और 2 कैदी भोपाल जेल के हैं। यह कैदी सजा पूरी कर चुके हैं। लेकिन, जुर्माने की रकम (फाइन मनी) जमा नहीं करने पर उनकी रिहाई नहीं हो पा रही है। यह सभी कैदी हत्या के जुर्म में जेल में सजा काट रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आयुष ने बताया था कि 2016 में भोपाल जेल ब्रेक कांड के दौरान एक कांस्टेबल की हत्या कर दी गई थी। थोड़े ही दिन बात उनकी बेटी की शादी थी, तब मैंने अपनी मां से पूछा था कि मैं अपनी स्कॉलरशिप के दस हजार रुपए उन्हें दे सकता हूं क्या। इसके बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उनके परिवार को मदद करने की घोषणा कर दी थी। इसके बाद मुझे मेरी मां ने सुझाव दिया था कि मैं इन पैसों से क्यों न उन कैदियों की मदद करूं जो सजा तो पूरी काट चुके हैं, लेकिन जेल में अब भी बंद हैं।
आयुष को मिल चुका है राष्ट्रीय बाल पुरस्कार
इससे पहले गणतंत्र दिवस 2016 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आयुष को राष्ट्रीय बाल पुस्कार से सम्मानित कर चुके हैं। कई विधाओं में पारंगत होने के कारण आयुष को कई प्रकार की छात्रवृत्ति मिली है। उसने कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी स्वर्ण पदक जीते हैं।
चार कैदियों की दिलाई आजादी
आयुष के मुताबिक इस साल जनवरी में चार कैदियों की रिहाई करवाने में आयुष का बड़ा योगदान रहा। उसे इसकी काफी खुशी है। वे कैदी रिहाई के बाद अपने परिवार से मिलकर काफी खुश थे। उनकी खुशी को देखकर ही मुझे आगे भी ऐसा ही करने की प्रेरणा मिली।
-आयुष की मां विनीता मालवीय पुलिस मुख्यालय में एआईजी के पद पर कार्यरत हैं।
-आयुष का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है।
-उसने अलोहा इंटरनेशनल एरिथमैटिक प्रतियोगिता जीता था।