बता दें कि भेल शिक्षा मंडल दो स्कूलों का संचालन करता है। जवाहर सीनियर व जूनियर विंग और विक्रम सीनियर व जूनियर विंग हैं। जिनमें बच्चों की संख्या 5000 से अधिक है। इनमें से ज्यादातर बीएचईएल में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारियों के बच्चे हैं, तो दो हजार के करीब गैर बीएचईएल कर्मचारियों के बच्चे हैं।
तीन यूनियनों ने बढ़ोतरी का किया विरोध
बीएचईएल मैनेजमेंट ने 15 दिन पहले तीन यूनियनों के साथ मीटिंग करके स्कूल फीस बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन तीनों यूनियनों के प्रतिनिधियों ने इसका विरोध किया था। इसके बाद भी मैनेजमेंट यूनियनों की सहमति लिए बिना स्कूल फीस बढ़ाने का फैसला कर लिया। ऐसे में यूनियन और भेल कर्मचारियों ने नाराजगी है। वे स्कूल फीस में किए गए बढ़ोतरी को गैर कानूनी बता रहे हैं।
बीएचईएल मैनेजमेंट ने 15 दिन पहले तीन यूनियनों के साथ मीटिंग करके स्कूल फीस बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन तीनों यूनियनों के प्रतिनिधियों ने इसका विरोध किया था। इसके बाद भी मैनेजमेंट यूनियनों की सहमति लिए बिना स्कूल फीस बढ़ाने का फैसला कर लिया। ऐसे में यूनियन और भेल कर्मचारियों ने नाराजगी है। वे स्कूल फीस में किए गए बढ़ोतरी को गैर कानूनी बता रहे हैं।
स्कूल फीस 4000 से 7000 हजार पहुंची
स्कूल फीस में बढ़ोतरी के साथ स्कूल बस के किराया में भी इजाफा किया गया है। जहां पहले 4000 रुपए स्कूल बस के लगते थे, अब 7000 रुपए बस फीस के नाम पर भरने होंगे। वहीं नॉन भेल कर्मचारी के बच्चों का स्कूल बस फीस 10450 रुपए कर दिए गया है। गौरतलब है कि पिछले सत्र में भेल शिक्षा मंडल ने स्कूल बस संचालित करने में असमर्थता जताते हुए बस सेवा बंद कर दी थी, लेकिन भेल कर्मचारी और यूनियनों के विरोध के बाद स्कूल फीस में बढ़ोतरी के साथ सेवा देने को राजी हो गया।
स्कूल फीस में बढ़ोतरी के साथ स्कूल बस के किराया में भी इजाफा किया गया है। जहां पहले 4000 रुपए स्कूल बस के लगते थे, अब 7000 रुपए बस फीस के नाम पर भरने होंगे। वहीं नॉन भेल कर्मचारी के बच्चों का स्कूल बस फीस 10450 रुपए कर दिए गया है। गौरतलब है कि पिछले सत्र में भेल शिक्षा मंडल ने स्कूल बस संचालित करने में असमर्थता जताते हुए बस सेवा बंद कर दी थी, लेकिन भेल कर्मचारी और यूनियनों के विरोध के बाद स्कूल फीस में बढ़ोतरी के साथ सेवा देने को राजी हो गया।
सब्सिडी कम होने पर बढ़ाना पड़ी फीस दरअसल, भेल स्कूलों के लिए दिल्ली कॉर्पोरेट सब्सिडी देता है, जिसमें पिछले कुछ सालों से लगातार कटौती की जा रही है। ऐसे में भेल शिक्षा मंडल को स्कूल संचालन करने में फंडिग की समस्या आ रही है। लिहाजा, मैनेजमेंट को फीस बढ़ाने का फैसला करना पड़ा।
नियमों के अंतर्गत स्कूल फीस में बढ़ोतरी की गई है। बस का ट्रांसपोर्टरों के साथ जैसा अनुबंध हुआ है, उसी आधार पर किराया बढ़ाया गया है। बस सेवा वैकल्पिक व्यवस्था है, अभिभावक चाहें तो खुद की व्यवस्था कर सकते हैं।
-राघवेन्द्र शुक्ला, सीनियर भेल जनसंपर्क अधिकारी
-राघवेन्द्र शुक्ला, सीनियर भेल जनसंपर्क अधिकारी