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भोपाल

स्कूल के सामने है शराब की दुकान, कैसे सुरक्षित रहेंगी बेटियां

सशक्त समाज- सुरक्षित शहर पहल के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में दिया प्रशिक्षण

भोपालFeb 12, 2019 / 10:49 pm

Rohit verma

dovelepment

स्कूल के सामने है शराब की दुकान, कैसे सुरक्षित रहेंगी बेटियां

भोपाल. सशक्त समाज-सुरक्षित शहर के तहत बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे नित नए बैनर पोस्टर के तहत स्लोगन सुनाई देते हैं पर हकीकत इससे इतर है। समाज जोर-जोर से इन बेटियों के लिए चिल्लाता है तो सरकार इनकी सुरक्षा सम्मान के लिए योजनाओं का क्रियान्वयन करती है। वहीं दूसरी ओर मुख्य सडक़ों सहित गली-मोहल्लों में शराब की दुकानें संचालित की जा रही हैं। इससे यहां से आवाजाही के दौरान शराबियों द्वारा बेटियों और महिलाओं पर छींटाकशी व छेड़छाड़ तक के मामले आए दिन सामने आते हैं।

इसको लेकर बीते दिनों सामाजिक संस्था आरंभ द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें किसी ने अपने मोहल्ले में, सार्वजनिक स्थानों के आसपास तो किसी ने स्कूल के सामने शराब दुकान होने की शिकयत की। इनका कहना है कि ऐसे में हमारी बेटियां कैसे पढ़ पाएंगी और कैसे सुरक्षित रह पाएंगी।

आशा कार्यकर्ता को दिया प्रशिक्षण
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना एवं सशक्त समाज- सुरक्षित शहर पहल के बैनर तले भोपाल में सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों की सहायिका, कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी द्वारा बस्ती स्तर पर बनाए गए शौर्या दल के सदस्यों को आंगनवाड़ी केंद्रों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस अभियान का संचालन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। सशक्त समाज एवं सुरक्षित शहर पहल का संचालन स्वयंसेवी संस्थाओं एवं युनिसेफ के सहयोग से किया जा रहा है।

कानून की दी जानकारी
बीते दिनों सामाजिक संस्था आरंभ द्वारा चांदबड़ परियोजना के सेमरा सेक्टर के एकतापुरी में स्थित छह आंगनवाड़ी केन्द्रों की सहायिका, कार्यकर्ता, बस्ती स्तर पर बनाए गए शौर्या दल के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया। इसमें करीब 50 प्रतिभागी शामिल हुए। संस्था से अमरजीत कुमार सिंह एवं विजय यादव द्वारा प्रतिभागियों को बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ के साथ ही बच्चों से जुड़े अन्य मुद्दों की जानकारी दी गई।

 

इसमें भू्रण हत्या, बालश्रम, बाल विवाह, बाल हिंसा व बाल लैंगिक हिंसा पर चर्चा करने के साथ ही इससे संबंधित कानूनों की जानकारी दी। ऐसे मामलों में सूचना किन्हें दी जा सकती है, इसके लिए उन्हें जागरूक किया गया। प्रशिक्षण में बच्चों से बाल विवाह के मुद्दों पर फ्लिप बुक की सहायता से बात करने एवं उन्हें जागरूक करने के लिए प्रशिक्षित किया गया।

रोकेंगे क्षेत्र में हो रही छेड़छाड़ की घटनाएं
कार्यशाला में शामिल प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद जानकारी का उपयोग अपने क्षेत्रों में करने की बात कही गई। इस पर प्रतिभागियों ने अपने-अपने क्षेत्र की सभी किशोरियों के साथ ही लडक़ों को भी इसके लिए समझाइश देने का आश्वासन दिया। इन प्रतिभागियों का कहना था कि हम अपने-अपने क्षेत्रों में बच्चों के अधिकारों की जानकारी देने के साथ ही उनके साथ हो रही छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाएंगे।

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