स्कूल शिक्षा विभाग स्कूल खोलने को लेकर तैयारियों में जुटा हुआ है। हालांकि सरकार के सामने स्कूल आने वाले बच्चों को संक्रमण की चुनौती होगी। फिलहाल सरकार के सामने कोरोना कर्फ्यू का फार्मूला सुझाया गया है। कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेश के जिलों को संक्रमण के आधार पर लॉकडाउन लगाकर बंद रखा गया था। अब इसी फॉर्मूले के आधार पर जिन जिलों में कोरोना संक्रमण होगा उस जिले के स्कूल 1 जुलाई के बाद भी बंद रहेंगे। प्रदेश दूसरे जिले जहां संक्रमण के मामले सामने नहीं आएंगे वहां के स्कूल खोल दिए जाएंगे।
सरकार स्कूल खोलने के साथ ही स्कूलों के समय को लेकर भी विचार कर रही है। संक्रमण के चलते बच्चों की उम्र और कक्षा के आधार पर स्कूल खोलने का समय भी कम ज्यादा रखा जाएगा। हालांकि यह निर्णय आने वाली कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए बदला भी जा सकता है। फिलहाल बच्चों को पढ़ाने के लिए केवल ऑनलाइन पढ़ाई ही विकल्प बना हुआ है।
कोरोना की दोनों लहर के चलते मध्य प्रदेश में पिछले डेढ़ साल से स्कूल बंद हैं। शिक्षाविदों की राय में इतने लम्बे समय तक बच्चों के स्कूल और शिक्षा से दूर रहना बच्चों के बौद्धिक और शारीरिक विकास के लिए ठीक नहीं है। इसलिए अगर स्थितियां अनुकूल हों तो स्कूल खोले जाने चाहिए। हालांकि बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है। अब सरकार का स्कूल खोलने का निर्णय भी कोरोना की तीसरी लहर पर निर्भर करता है।