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भोपाल

सत्र स्थगित, जनता के मुद्दे गुम, ऑनलाइन सत्र क्यों नहीं?

– महंगी बिजली और कर्जमाफी पर नहीं हो सके सवाल

भोपालJul 27, 2020 / 12:10 am

anil chaudhary

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भोपाल. कोरोना संक्रमण के कारण विधानसभा का मानसून सत्र स्थगित हुआ तो जनता से जुड़े सवाल भी गुम हो गए। पूरा प्रदेश बिजली के भारी-भरकम बिलों से परेशान है। वहीं, कांग्रेस का दावा है कि 11 लाख किसानों की कर्जमाफी करना बाकी है। पक्ष-विपक्ष के सदस्य जनता की आवाज बन सदन में सरकार से सवाल पूछते रहे हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ऑनलाइन सत्र का विकल्प क्यों नहीं अपनाया जाता।
दरअसल, सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा सरकार ने पिछली कमलनाथ सरकार की इंदिरा ज्योति योजना को बंद कर दिया है। इसके तहत सौ यूनिट तक सौ रुपए में बिजली देने का प्रावधान था। अब सरकार केवल संबल के हितग्राहियों को ही सस्ती बिजली दे रही है। ऐसे में पूरे प्रदेश में बिजली के बिलों से जनता परेशान है।
– इतने किसानों की कर्जमाफी का दावा
कांग्रेस का दावा है कि उसने 25 लाख किसानों का 50 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक का कर्ज माफ किया है। अब तीसरे चरण में दो लाख रुपए तक के कर्जमाफी की बारी थी। अभी 11 लाख किसानों का कर्ज माफ होना बाकी है। पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव कहते हैं कि कर्जमाफी किसानों का हक है और कांग्रेस उनके इस हक के लिए सड़कों पर भी उतरेगी।
– कृषि मंत्री बता चुके हैं छलावा
इधर, कृषि मंत्री कमल पटेल ने कर्जमाफी के मुद्दे पर कहा कि कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए किसानों के साथ छल किया था। इसको आगे बढ़ाने का कोई सवाल ही नहीं उठता। इस छल के लिए कांग्रेस नेताओं पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए।

– उपचुनाव में रहेगा मुद्दा
कांग्रेस विधानसभा उपचुनाव में कर्जमाफी को एक बार फिर बड़ा मुद्दा बनाने जा रही है। मीडिया विभाग के अध्यक्ष जीतू पटवारी कहते हैं कि कर्जमाफी किसानों का संवैधानिक अधिकार है और इस अधिकार के लिए कांग्रेस कोर्ट भी जाएगी। किसान कर्जमाफी का फैसला सरकार का था, इसलिए जो भी सरकार हो उसे इस फैसले को लागू करना चाहिए। कांग्रेस उपचुनाव में उन किसानों का समर्थन भी मांग रही है जिनका कर्ज माफ हो चुका है। इन किसानों के पास मोबाइल फोन से मैसेज भेजे जा रहे हैं। उनसे समर्थन का वीडियो भी मंगवाया जा रहा है।
– ऑनलाइन सत्र के विकल्प मौजूद
आईटी एक्सपर्ट के मुताबिक ऑनलाइन सत्र बुलाने के कई विकल्प मौजूद हैं। कई ऑनलाइन एप्लीकेशन पर बड़ी संख्या में लोगों को जोड़कर मीटिंग की जा सकती है। इसे विधानसभा के सत्र के लिए अपनाया जा सकता है। उस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद एनआईसी के नेटवर्क से हितग्राहियों की बड़ी संख्या में वीडियो कॉन्फ्रेंस करते हैं। इस नेटवर्क को भी ऑनलाइन सत्र के लिए अपनाया जा सकता है। उस पर विधानसभा भी एनआईसी के जरिए अपना ऑनलाइन मॉड्यूल तैयार कर सकती है।

हमने कर्जमाफी की शुरुआत की थी, कर्जमाफी पूरी नहीं हुई ये हम मानते हैं। प्रदेश में वापस कांग्रेस की सरकार आते ही इस कर्जमाफी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
– कमलनाथ, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

 

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