ईओडब्ल्यू में विभिन्न आर्थिक घोटालों की जांच होती है। यहां दर्ज अधिकतर प्रकरण आईएएस आईपीएस, नेताओं व रसूखदार के होते हैं। ईओडब्ल्यू में ई-टेंडर घोटाले की जांच हुई है, जिसमें कई रसूखदार आरोपों में घिरे थे। परिवहन आयुक्त बनने के लिए आईपीएस लॉबी में खींचतान मची है। इसमें उपेंद्र जैन, मुकेश जैन और पवन जैन आदि के नाम शामिल हैं।
लिफाफा न लेने का शपथ पत्र
इधर, सांसद विवेक तन्खा ने सीएम शिवराज सिंह चौहान पर तंज कसते हुए कहा कि उनके २ खास आईपीएस ने १ आईपीएस का वीडियो जारी किया, जिससे प्रदेश में ईमानदार ट्रांसपोर्ट कमिश्नर बने। सरकार हर एसपी और आईजी से लिफाफा न लेने का शपथ पत्र ले। वैसे, अब विधायकों के बाद अफसरों की मंडी लगी है।
वीडियो वायरल होने के बाद हटे
परिवहन आयुक्त व्ही मधुकुमार को हटा दिया गया है, बताया जा रहा है कि एक कथित वीडियो वायरल होने के बाद व्ही मधुकुमार पर ये कार्रवाई हुई है। ट्रांसपोर्ट कमिश्नर व्ही मधुकुमार को कथित वीडियो के वायरल होने के थोड़ी ही देर बाद हटाया गया है और भोपाल में phq अटैच किया गया है। बता दें कि जो कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ उसमें IPS अधिकारी पुलिस अधिकारियों से लिफाफे लेते हुए नजर आ रहा था।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कथित वीडियो की पत्रिका पुष्टि नहीं करता है। जो वीडियो वायरल हो रहा हैं उसमें जो IPS अधिकारी पुलिसकर्मियों से लिफाफे लेते नजर आ रहा है बताया जा रहा है कि वो IPS व्ही मधुकुमार हैं। परिवहन आयुक्त और सरकार के करीबी रहने वाले व्ही मधुकुमार उज्जैन आईजी भी रह चुके हैं और ये वीडियो उसी वक्त का बताया जा रहा है।
जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है वो किसी होटल के कमरे का लग रहा है जिसमें एक सोफे पर IPS अधिकारी बैठे हुए नजर आ रहे हैं और कमरे में एक के बाद एक पुलिस अधिकारी आते हुए दिख रहे हैं। कमरे में आने वाले पुलिस अधिकारी पहले सोफे पर बैठे IPS अधिकारी को सैल्यूट करते हैं या फिर नमस्कार करते हैं और फिर एक लिफाफा उन्हें देकर तुरंत वहां से निकल जाते हैं। इन लिफाफों को शुरुआत में IPS अधिकारी अपने नीचे ही सोफे पर छिपा लेते हैं और फिर एक अटैची में नाम लिखकर बंद कर देते हैं। इस दौरान वो बड़ी ही हड़बड़ी में नजर आते हैं। देखने में ऐसा लग रहा है जैसे कि उनकी कोशिश ये होती है कि लिफाफे पर किसी की नजर न पड़े। वायरल हो रहे वीडियो में जो बातें समझ में आ रही हैं उनमें लिफाफा लेकर आने वाले पुलिस अधिकारियों से IPS अधिकारी हालचाल जानते हैं और फिर लिफाफा लेकर उन्हें कमरे से रवाना कर देते हैं। करीब 5 मिनिट के वीडियो के अंत में IPS अधिकारी लिफाफों से भरी अटैची को जल्दबाजी में को बंद करते हैं और फिर वहां से निकल जाते हैं।