शर्मनाक बयान…
वहीं कमलनाथ सरकार में विधि एवं विधायी मंत्री पीसी शर्मा ने इस घटना से पल्ला झाड़ते हुए उल्टे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफे की मांग की है।
वहीं जानकार इसे मंत्री का शर्मनाक बयान बता रहे हैं, उनका कहना है कि अपहरण प्रदेश से हुआ, और हर जगह प्रदेश की पुलिस ही फेल हुई ऐसे में मंत्री द्वारा दूसरे प्रदेश पर आरोप लगाना, जो आपकी मदद के लिए हर काम कर रहा था, बेहद शर्मनाक है।
दरअसल मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। शव उत्तर प्रदेश में मिले हैं और उन्हें यूपी-एमपी सीमा से अपहृत किया गया था। इस तरह के तत्व यूपी में सक्रिय हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि संयुक्त अभियान चलाकर अपराधियों को पकड़ा जा सकेगा।’
ऐसे में जब उनसे पूछा गया कि भाजपा एमपी के गृहमंत्री का इस्तीफा मांग रही है। इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘क्यों? घटना यूपी-एमपी सीमा पर हुई है और शव उत्तर प्रदेश में मिले हैं। इसलिए यूपी के सीएम को इस्तीफा देना चाहिए।’
इधर,घटना के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि इस घटना ने मुझे हिला कर रख दिया है।
नेता प्रतिपक्ष ने कमलनाथ सरकार को जिम्मेदार ठहराया…
वहीं सतना के चित्रकुट से अगवा बच्चों की फिरौती लेने बाद भी निर्मम हत्या करने के बाद नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने दोनों बच्चों की मौत के लिए प्रदेश की कमलनाथ सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
उन्होंने चित्रकूट से अपहृत जुड़वा बच्चों की हत्या की घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार तबादलों में उलझी है और प्रदेश में गुंडों-बदमाशों का व्यापार चल रहा है। पुलिस प्रशासन आपराधिक घटनाओं को रोकने में नाकाम साबित हो रहा है।
भार्गव ने कहा कि कमलनाथ जी, आपके पास तबादला उद्योग के अलावा कुछ काम बचा है कि नहीं? पूरी सरकार कानून व्यवस्था के मामले में निर्लज्ज हो चुकी है। नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री से इस घटना की जांच करवाते हुए गृह मंत्री से इस्तीफे की मांग की है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि दिन दहाड़े बंदूक की नोंक पर बच्चों का अपहरण हो जाता है और 12 दिन बीत जाने के बाद भी पूरी सरकार हाथ पर हाथ धरकर मौन बैठी रहती है। अपहर्ताओं ने फिरौती की रकम वसूलने के बाद भी मासूम बच्चों की जान ले ली।
मध्यप्रदेश में कानून व्यवस्था स्थिति बदतर हो चुकी है और अपराधी दिन-ब-दिन बेखौफ होते जा रहे हैं। जनता का पुलिस पर से पूरी तरह से विश्वास उठ चुका है। ऐसी घटनाओं पर सरकार पूरी तरह मौन है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मध्यप्रदेश में चहुंओर हत्या, लूट और अपहरण की घटनाओं से आम आदमी ख़ौफ़ में है। अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने में भी डर और ख़ौफ़ महसूस कर रहे है। मुख्यमंत्री सिर्फ ट्रांसफर पोस्टिंग में व्यस्त है। थानों की बोली लगा दी गई है जिसका परिणाम है कि अपराधी बेख़ौफ़ हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के पुलिस मुख्यालय पहुंच कर प्रदेश मे कानून व्यवस्था की समीक्षा करते है। उनके गृह मंत्री लापता है। अगर कमलनाथ जी ने सही तरीके से समीक्षा की है तो तत्काल गृह मंत्री को हटाए और कानून व्यवस्था को दुरुस्त करें।
वहीं इस घटना पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘मैं दोनों मृतक बच्चों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हमें उम्मीद थी कि सरकार और प्रशासन इसे गंभीरता से लेगी और दोनों बच्चों को सकुशल बचा लाएगी। इस घटना ने मुझे हिला दिया है।’ वहीं इस घटना के बाद से चित्रकूट में जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई है।
ये है मामला…
दरअसल 12 फरवरी को पांच साल के जुड़वा भाईयों प्रियांश और श्रेयांश रावत का मध्यप्रदेश के सतना जिले में बंदूक की नोंक पर स्कूल बस से अपहरण कर लिया गया था। रविवार को उत्तर प्रदेश के बांदा जिले से दोनों भाईयों के शव मिले हैं।
दोनों की हत्या करने के बाद अपराधियों ने शव को अवगासी घाट में फेंक दिया था। इस घटना के संबंध में पुलिस ने 6 इंजीनियरिंग के छात्रों, उत्तर प्रदेश के पांच निवासियों और चित्रकूट के एक निवासी को गिरफ्तार किया है।
सतना के एसपी संतोष गौड़ का कहना है कि शव मिल चुके हैं और हमने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एक मध्यप्रदेश का निवासी है जबकि अन्य पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के हैं।
फिरौती के बाद भी हुई हत्या…
यूपी और एमपी की पुलिस बच्चों की बरामदगी में असफल रही। इसके बाद मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी, लेकिन उसके भी हाथ खाली रहे। कहा जा रहा है कि 25 लाख रुपए फिरौती देने पर भी बच्चों की जान नहीं बच पाई।
चित्रकूट का है मास्टरमाइंड!…
वारदात करने वाला आरोपी आरोपी चित्रकूट का मूल निवासी है। पुलिस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कारोबारी से बड़ी रकम वसूल करने के लिए उसने अन्य अपराधियों को तैयार करके इस घटना को अंजाम दिया।
पुलिस का कहना है कि वारदात में एक महिला भी शामिल है। दोनों भाईयों का अपहरण करके उन्हें इलाहाबाद रोड स्थित मऊ कस्बे के एक घर में रखा गया था।
पूर्व गृहमंत्री ने भी उठाए सवाल…वहीं पूर्व गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने भी इस घटनाक्रम के बाद शोक व्यक्त करते हुए सरकार पर बड़ा हमला बोला है। सिंह ने ट्वीटर के माध्यम से लिखा है कि तबादला उद्योग चलाने में व्यस्त इस सरकार ने मप्र की कानून व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया है।
वहीं सूत्रों के अनुसार आरोपी इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र हैं। जो उसी ट्रस्ट द्वारा संचालित किया जाता है, जिस स्कूल में जुड़वां बच्चे पढ़ा करते थे। एक आरोपी बच्चों को ट्यूशन दिया करता था और माना जा रहा है कि उसने ही दूसरे आरोपी को सूचना दी है। सभी ने पहली बार अपराध को अंजाम दिया है।
बहन ने बताया: 12 फरवरी का घटनाक्रम…
जुड़वा भाइयों की चचेरी बहन और प्रत्यक्षदर्शी नंदिनी ने बताया कि एक आदमी बंदूक लेकर आया और गाली देकर चुप रहने को कहा। वह भाई के पीछे वाली सीट पर बैठी थी। अपहरणकर्ता आया और दोनों भाई को सीट से उठाकर ले गया। उनके बस्ते सीट पर ही रखे रहे, जिसे वह लेकर घर पहुंची।